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Sawan 2025: शिव का इशारा या राहु-केतु की चाल? सावन के ये सपने बदल सकते हैं किस्मत!

Sawan 2025: सावन का महीना भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक शांति का प्रतीक है। ये सिर्फ व्रत और पूजा का समय नहीं, बल्कि मन की शुद्धि और भगवान शिव से जुड़ाव का विशेष अवसर होता है। इस दौरान की गई साधना और प्रार्थना से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में आध्यात्मिक परिवर्तन की शुरुआत होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 21, 2025 पर 10:47 AM
Sawan 2025: शिव का इशारा या राहु-केतु की चाल? सावन के ये सपने बदल सकते हैं किस्मत!
Sawan 2025: राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है।

सावन का महीना आते ही हर जगह भक्ति और श्रद्धा का माहौल बन जाता है। लोग व्रत रखते हैं, शिव मंदिरों में भीड़ लगती है और ‘हर हर महादेव’ की गूंज सुनाई देती है। लेकिन सावन सिर्फ व्रत और पूजा का महीना नहीं है। यह समय दिल और दिमाग दोनों को शांति देने का होता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव धरती के और करीब आ जाते हैं। इसलिए इस दौरान की गई पूजा और प्रार्थना जल्दी असर करती है। सावन का समय खुद को सुधारने, बुरी आदतों को छोड़ने और मन को शांत करने का अच्छा मौका होता है। यह महीना हमें भक्ति के साथ-साथ ध्यान और संयम सिखाता है। इसलिए सावन को सिर्फ एक धार्मिक महीना नहीं, बल्कि आत्मिक शक्ति और अच्छे बदलावों का समय माना जाता है। यही वजह है कि यह महीना लोगों के लिए बहुत खास होता है।

राहु-केतु

राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है। ये आकाश में नजर नहीं आते, लेकिन इनका असर मन, सपनों और भावनाओं पर गहरा होता है। राहु भ्रम, लालच और डर के सपने देता है जबकि केतु हमें पिछले जन्मों, आत्मिक संकेतों और अजीब अनुभवों से जोड़ता है। सावन के महीने में जब साधक उपवास और भक्ति में लीन होता है, तब ये ग्रह अधिक सक्रिय हो जाते हैं।

सावन में क्यों बढ़ते हैं अजीब सपने?

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