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Surya Grahan 2025: अब भी बनी हुई है ग्रहण पर दुविधा, यहां जानें अपने सभी सवालों के जवाब

Surya Grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण का पितृ पक्ष के अंतिम दिन होना एक दुर्लभ संयोग है, जो एक सदी के बाद हो रहा है। मगर इसकी तारीख और समय को लेकर लोगों में अब भी दुविधा बनी हुई है। आइए जानते हैं इस ग्रहण से जुड़े सवालों के जवाब

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 20, 2025 पर 1:33 PM
Surya Grahan 2025: अब भी बनी हुई है ग्रहण पर दुविधा, यहां जानें अपने सभी सवालों के जवाब
ग्रहण के साथ पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन का दुर्लभ संयोग लगभग 122 साल बाद बन रहा है।

Surya Grahan 2025: साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण इस साल अश्विन मास की अमावस्या पर लगेगा। इस दिन पितृ पक्ष का अंतिम दिन यानी धरती से उनकी विदाई का होगा। ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रहण के साथ पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन का दुर्लभ संयोग लगभग 122 साल बाद बन रहा है। बता दें कि इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष के पहले दिन यानी भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर 07 सितंबर को हुआ था। इस ग्रहण का समय जैसे-जैसे पास आ रहा है, वैसे-वैसे इसे लेकर लोगों के मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। ये ग्रहण जितना धार्मिक दृष्टि से अहम है, उतनी ही बड़ी खगोलीय घटना भी है। इसे लेकर लोगों में कई तरह के सवाल हैं, जैसे इसकी सही तारीख 21, 22 या 23 सितंबर में से क्या है? ग्रहण कहां नजर आएगा? भारत में सूतक को लेकर लोगों में काफी दुविधा है। वहीं, ग्रहण में पितृ विसर्जन पर क्या प्रभाव होगा? तो चलिए अब जानते हैं इस ग्रहण से जुड़े धार्मिक दृष्टि से अहम सवालों के जवाब

सूर्य ग्रहण की सही तारीख

साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर को देर रात शुरू होगा और 22 सितंबर को मध्यरात्रि में खत्म होगा।

भारत में नजर आएगा या नहीं

21 सितंबर को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण शुरू होने के समय भारत में रात होगी। इसलिए इसका धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा। यानी ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा।

क्या भारत में माना जाएगा सूतक

21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण की दृश्यता नहीं होने पर सूतक भी नहीं लगेगा। मंदिरों में धार्मिक कार्य सामान्य रूप से होंगे और सर्वपितृ अमावस्या की तमाम प्रक्रियाएं बिना किसी रोक के पूरी की जाएंगी।

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