Vijayadashami 2025: बुराई पर अच्छी की और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है विजयादशमी। हर साल ये त्योहार अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से कई पौराणिक कथाएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। दशहरा के दिन एक साथ एक ओर जहां भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा की उपासना करने के बाद उनकी विदाई और फिर विसर्जन करते हैं। तो दूसरी तरफ, इसी दिन शस्त्र पूजा, देवी अपराजिता पूजा और शमी पूजा की जाती है। त्रेता युग में भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया और उससे पहले पौराणिक काल में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इसी के प्रतीक स्वरूप दशहरे के दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन करने की भी परंपरा है। आज हम आपको दशहरे के दिन की जाने वाली शमी पूजा और उसका महत्व बता रहे हैं।