
IND vs SA: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला शुरू होने में अब सिर्फ तीन दिन बाकी हैं। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला मुकाबला 14 नवंबर से खेला जाएगा। वहीं इस मुकाबले को लेकर सबकी निगाहें कोलकाता के ईडन गार्डन्स की पिच पर टिकी हैं। ईडन गार्डन्स 2019 के बाद पहली बार टेस्ट मैच की मेजबानी करने जा रहा है। 2019 में यहां भारत और बांग्लादेश के बीच डे-नाइट टेस्ट खेला गया था। इस बार पिच की स्थिति को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं, क्योंकि शुरुआती संकेत थोड़े चिंताजनक माने जा रहे हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तीन घंटे के प्रैक्टिस सेशन के बाद भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ और कप्तान शुभमन गिल ने सेंटर विकेट पर जाकर पिच का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान हेड कोच गौतम गंभीर, बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटल और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल भी उनके साथ मौजूद थे।
पिच से खुश नहीं है भारतीय टीम?
रिपोर्ट के अनुसार, “मोर्ने मोर्कल और शुभमन गिल ने पिच की मजबूती जांचने के बाद क्यूरेटर सुजान मुखर्जी को बुलाया और उनसे करीब 15 मिनट तक बातचीत की। उनके हावभाव से ऐसा लग रहा था कि टीम प्रबंधन पिच की स्थिति से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। बताया गया कि पिच को पिछले एक हफ्ते से पानी नहीं दिया गया था, जिसकी वजह से वह सूखी और भूरी दिखाई दे रही थी, जबकि उस पर हल्की-हल्की घास के पैच मौजूद थे।”
सौरव गांगुली ने क्या कहा
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और अन्य अधिकारियों ने भी क्यूरेटर सुजान मुखर्जी से पिच को लेकर बातचीत की। इसके बावजूद, जब मैदान के बाकी हिस्सों में ग्राउंड्समैन पानी दे रहे थे, तब मुख्य पिच को जानबूझकर सूखा रखा गया। इससे साफ है कि पिच को खास रणनीति के तहत तैयार किया जा रहा है। क्यूरेटर सुजान मुखर्जी और सीएबी अध्यक्ष सौरव गांगुली दोनों का कहना है कि मैच के आगे बढ़ने पर पिच गेंदबाजों को टर्न देगी और यह एक बेहतरीन पिच साबित होगी।
मुखर्जी और सौरव गांगुली दोनों ने कहा है कि जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, पिच पर स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलेगी और ये खेल के लिए अच्छी साबित होगी। गांगुली ने यह भी साफ किया कि टीम ने उनसे खास तौर पर “रैंक टर्नर” यानी ज्यादा स्पिन वाली पिच तैयार करने का अनुरोध नहीं किया था।
स्पिन फ्रेडंली नहीं है ईडन गार्डन्स की पिच
दिलचस्प बात यह है कि 2015 से पहले ईडन गार्डन्स की पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए आदर्श मानी जाती थी। लेकिन बाद में पिच में किए गए बड़े बदलावों के बाद यहां बाउंस और तेजी बढ़ गई। कागज पर देखा जाए तो भारत को रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव जैसे स्पिनरों के लिए स्पिन वाली पिच की जरूरत होती है। कई बार ऐसी पिचें विदेशी टीमों के स्पिनरों को भी मदद देती हैं, जिससे भारत का होम एडवांटेज खत्म हो जाता है।
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