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स्टार्टअप बूम ने इंडिया में फ्री सॉफ्टेवयर और ओपन-सोर्स कल्चर को नुकसान पहुंचाया है

जीरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी अफसर (सीटीओ) कैलाश नाध ने कहा कि 2000 के दशक की शुरुआत में इंडिया में फ्री सॉफ्टवेयर और ओपन-सोर्स कम्युनिटी का कल्चर था। लेकिन, बड़ी संख्या में टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के आने से इसे काफी नुकसान पहुंचा

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 3:57 PM
स्टार्टअप बूम ने इंडिया में फ्री सॉफ्टेवयर और ओपन-सोर्स कल्चर को नुकसान पहुंचाया है
कैलाश नाध ने कहा कि कोई देश ओपन सोर्स के बगैर टेक्नोलॉजी के मामले में अच्छी कपैबिलिटी हासिल नहीं कर सकता।

स्टार्टअप बूम ने देश में फ्री सॉफ्टवेयर और ओपन सोर्स कल्चर को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। जीरोधा के चीफ टेक्नोलॉजी अफसर (सीटीओ) कैलाश नाध ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि जो डेवलपर्स कम्युनिटी को ध्यान में रख प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे, स्टार्टअप बूम की वजह से उन्होंने तेज ग्रोथ वाली कंपनियों में काम करना शुरू कर दिया। इससे फ्री सॉफ्टवेयर और ओपन सोर्स कल्चर पर फोकस खत्म हो गया।

बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को ओपन सोर्स को बढ़ावा देना होगा

नाध ने मनीकंट्रोल को बताया, "2000 के दशक की शुरुआत में इंडिया में फ्री सॉफ्टवेयर और ओपन-सोर्स कम्युनिटी का कल्चर था। लेकिन, बड़ी संख्या में टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के आने से इसे काफी नुकसान पहुंचा। बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां ओपन सोर्स के इस्तेमाल से अरबों डॉलर के प्रोजेक्ट्स बनाती हैं, लेकिन वे इसका श्रेय ओपन सोर्स को नहीं देती। जब तक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां ओपन-सोर्स का कल्चर नहीं बनाती तब तक ओपन सोर्स को बढ़ावा नहीं मिलेगा।"

ओपन सोर्स के बगैर टेक्नोलॉजी के मामले में कोई देश आगे नहीं निकल सकता

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