सड़क पर किसी को काला कोट-पैंट और सफेद शर्ट पहने देख लें, तो तुरंत अंदाजा हो जाता है कि वो वकील है। अदालतों में जज भी इसी पोशाक में नजर आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों वकील और जज हमेशा काला ही कोट पहनते हैं? क्या ये सिर्फ एक ड्रेस कोड है या इसके पीछे कोई गहरा कारण छिपा है? दरअसल, काले रंग की ये पोशाक केवल पहचान की निशानी नहीं, बल्कि अनुशासन, शक्ति और निष्पक्षता का प्रतीक मानी जाती है। यह परंपरा ब्रिटेन से भारत आई, जब न्यायपालिका ने ब्रिटिश दौर की कई व्यवस्थाएं अपनाईं। इसके अलावा इतिहास और कानून दोनों ही इस ड्रेस कोड को मजबूत आधार देते हैं।