Get App

‘अब मेरे पास भी भाई है’ मुंबई में हाथों का ट्रांसप्लांट पाने वाली सबसे कम उम्र की रिसीवर ने डोनर के भाई को बांधी राखी

दो परिवारों के साथ अलग-अलग समय पर हादसा हुआ। लेकिन एक के अंगदान से दोनों को जीने की बड़ी वजह मिल गई। एक हादसे में हाथ गंवा चुकी अनामता ने जब हाथ दान करने वाली रिया के भाई के हाथ पर राखी बांधी तो लगा दुनिया छोड़ चुकी उसकी बहन फिर लौट आई है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 09, 2025 पर 1:42 PM
‘अब मेरे पास भी भाई है’ मुंबई में हाथों का ट्रांसप्लांट पाने वाली सबसे कम उम्र की रिसीवर ने डोनर के भाई को बांधी राखी
मुंबई की अनामता ने हाथ डोनेट करने वाली सूरत की रिया के भाई शिवम को राखी बांधी

गुजरात के वलसाड के तीथल बीच रोड पर उस समय भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा जब दुनिया छोड़कर जा चुकी बहन के हाथों भाई की कलाई पर फिर राखी बांधी गई। ये नजारा इतना भावुक करने वाला था कि वहां मौजूद परिवार, दोस्त और रिश्तेदार सभी की आंखें नम कर गया। बहन को खोने के बाद भी इस बार का रक्षा बंधन मिस्त्री परिवार के लिए खास बन गया।

नौ साल की रिया मिस्त्री को 15 सितंबर 2024 को सूरत के किरण अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था और अगले दिन उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उषा मीशेरी ने रिया के पेरेंट्स, बॉबी और तृष्णा को रिया के अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। उसके दोनों गुर्दे, लीवर, एक हाथ, फेफड़े और कॉर्निया दान कर दिए गए।

इधर, अक्टूबर 2022 में, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सोलह साल की अनामता अहमद को एक रिश्तेदार के घर छत पर खेलते समय बिजली का झटका लगा। वह गलती से 11,000 किलोवाट के हाई-टेंशन तार के पास चली गई। उसे गंभीर चोटें आईं और दोनों हाथ जल गए। उसके बाएं हाथ को सर्जरी से बचा लिया गया, लेकिन गैंग्रीन की वजह से दाहिना हाथ कंधे तक काटना पड़ा।

मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में अनामता का इलाज चल रहा था, जहां डॉ. नीलेश सतभया ने रिया का हाथ अनामता को प्रत्यारोपित किया। ये एक दुर्लभ मामला था जहां दुनिया की सबसे कम उम्र की डोनर लड़की का हाथ सबसे कम उम्र की रिसीवर को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। अनामता शुक्रवार को अपने पेरेंट्स अकील और दारशा के साथ रिया के घर पहुंचीं और उनके भाई शिवम को राखी बांधी। शिवम के साथ इस खास पल को जीने के लिए रिया के चचेरे भाई-बहन और दोस्त भी मौजूद थे। वह अपने माता-पिता, अकील और दाराशा के साथ मुंबई से रिया के परिवार से मिलने आई थीं। अनमता ने कहा, ‘मैं रिया के परिवार से मिलने का इंतजार कर रही थी। अब ये भी मेरा परिवार हैं। अब तक मैं अपने माता-पिता की अकेली संतान थी, लेकिन अब मेरे पास एक भाई भी है।’

सब समाचार

+ और भी पढ़ें