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एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई...अब क्या करेंगे मुनीर? एक भूल और पाकिस्तान में भड़क सकता है विद्रोह

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वॉशिंगटन इस मिशन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पर दबाव बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स (ISF) में पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 19, 2025 पर 4:36 PM
एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई...अब क्या करेंगे मुनीर? एक भूल और पाकिस्तान में भड़क सकता है विद्रोह
पाकिस्तान और उसके हुकमरान में इस समय आगे कुआं पीछे खाई की स्तिथि में नजर आ रहा है।

पाकिस्तान और उसके हुकमरान में इस समय आगे कुआं पीछे खाई की स्तिथि में नजर आ रहा है। एक तरफ वह वॉशिंगटन को नाराज नहीं करना चाहता, तो दूसरी तरफ उसे अपने देश के अंदर बिगड़े हालात भी संभालने हैंइसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान पर गाजा में बनने वाली इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स में सैनिक भेजने का दबाव बना रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने फिलहाल गाजा के लिए प्रस्तावित इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स (ISF) में सैनिक भेजने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह साफ किया।

मुश्किल में पाकिस्तान

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वॉशिंगटन इस मिशन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद पर दबाव बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स (ISF) में पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने साफ किया कि भले ही इस फोर्स को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत चल रही हो, लेकिन पाकिस्तान को सैनिक भेजने का कोई आधिकारिक अनुरोध अब तक नहीं मिला है।

ट्रंप का गाजा प्लान

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर आने वाले हफ्तों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए वॉशिंगटन जा सकते हैं। यह पिछले छह महीनों में उनकी तीसरी मुलाकात होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में गाजा में बनने वाली फोर्स मुख्य चर्चा का विषय रह सकती है। इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स (ISF) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के  गाजा प्लान का एक अहम हिस्सा है। इस योजना को नवंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी मिली थी। इसका उद्देश्य गाजा में सुरक्षा बनाए रखना, हथियारों को हटाना और पुनर्निर्माण की निगरानी करना है।

पाकिस्तान ने इस फोर्स से जुड़े संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का समर्थन किया था, लेकिन उसने हमास के निरस्त्रीकरण से जुड़ी किसी भी भूमिका को लेकर अपनी चिंता भी जताई है। इससे पहले उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान सैद्धांतिक तौर पर योगदान देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए फोर्स के जनादेश और नियमों (TOR) पर पूरी साफ-सफाई जरूरी है। डार ने कहा था, “हम फोर्स में योगदान देने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने फील्ड मार्शल से सलाह के बाद सैद्धांतिक रूप से यह बात कही है। लेकिन अंतिम फैसला तभी लिया जाएगा, जब यह साफ हो जाएगा कि ISF का जनादेश और उसकी जिम्मेदारियां क्या होंगी।”

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