Get App

क्या चीन और सऊदी अरब के बीच इस समझौते से दुनिया में डॉलर की बादशाहत खतरे में पड़ने जा रही है?

चीन और सऊदी अरब ने एक अनोखा समझौता किया है। इसका मकसद द्विपक्षीय व्यापार में डॉलर पर निर्भरता घटाना हो सकता है। यह 'ऑयल फॉर गोल्ड' समझौता है। इसके तहत चीन ऑयल का पैसा सऊदी अरब को रेनमिनबी में चुकाएगा। ट्रेड सरप्लस होने पर सऊदी अरब उसे शंघाई गोल्ड एक्सचेंज (एसजीई) के जरिए गोल्ड में बदलेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड May 15, 2025 पर 10:09 AM
क्या चीन और सऊदी अरब के बीच इस समझौते से दुनिया में डॉलर की बादशाहत खतरे में पड़ने जा रही है?
अभी इंटरनेशनल पेमेंट में रेनमिनबी का काफी कम इस्तेमाल होता है।

खबर है कि चीन और सऊदी अरब ने 'ऑयल फॉर गोल्ड' समझौता किया है। इसके तहत चीन ऑयल का पैसा सऊदी अरब को रेनमिनबी में चुकाएगा। ट्रेड सरप्लस होने पर सऊदी अरब उसे शंघाई गोल्ड एक्सचेंज (एसजीई) के जरिए गोल्ड में बदलेगा। खबरों में यह भी कहा गया है कि एसजीई सऊदी अरब में वॉल्ट्स बना रहा है। इससे सऊदी अरब को ट्रेड सरप्लस को गोल्ड में बदलने में आसानी होगी। अगर यह खबर सही है तो इससे ग्लोबल ट्रेड में रेनमिनबी की भूमिका बढ़ेगी। अभी इंटरनेशनल पेमेंट में रेनमिनबी का काफी कम इस्तेमाल होता है। ग्लोबल ट्रेड में इसकी हिस्सेदारी 5 फीसदी से भी कम है।

डॉलर की उपयोगिता में नहीं आएगी कमी

चीन और सऊदी अरब के बीच इस समझौते से भले ही ग्लोबल ट्रेड में Renminbi (RMB) की भूमिका बढ़े, लेकिन इससे Dollar के महत्व में कमी आने की उम्मीद कम है। पहले से ही दुनिया के केंद्रीय बैंक अपने रिजर्व को गोल्ड में बदलते रहे हैं। हाल के सालों में यह ट्रेंड बढ़ा है। इसलिए चीन और सऊदी अरब के इस समझौते का बड़ा असर पड़ने की उम्मीद कम है। ग्लोबल ट्रेड में डॉलर का इस्तेमाल तभी घटेगा, जब एक्सचेंज के मीडियम, रिजर्व एसेट और अकाउंट की यूनिट के रूप में इसकी उपयोगिता में कमी आएगी।

फिएट करेंसी की सप्लाई बढ़ाई-घटाई जा सकती है

सब समाचार

+ और भी पढ़ें