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Explainer: नेपाल में Gen-Z की खूनी क्रांत‍ि...रील बनाने से रोका तो रियल मुद्दों पर पूछने लगे सवाल! जानें क्यों सड़क पर उतरे युवा

Nepal Protest : सरकार ने जैसे ही युवाओं को रील बनाने से रोका है, युवा सड़क पर उतरकर रियल सवाल पूछने लगे हैं, भ्रष्टाचार की बात करने लगे हैं, नौकरी कहां है? ये सवाल करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर बैन और सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ 12 हजार से ज्यादा युवा सोमवार सुबह संसद भवन परिसर में घुस गए

Rajat Kumarअपडेटेड Sep 08, 2025 पर 6:24 PM
Explainer: नेपाल में Gen-Z  की खूनी क्रांत‍ि...रील बनाने से रोका तो रियल मुद्दों पर पूछने लगे सवाल! जानें क्यों सड़क पर उतरे युवा
इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के दौर में पली बढ़ी ये जनरेशन फिलहाल नेपाल में सड़कों पर दिख रही है।

मिलेनियल्स के बाद आयी Gen-Z जनरेशन बहुत ही दिलचस्प है। यह पहली जनरेशन है जिनकी शुरुआत ही सोशल मीडिया से हुई है और शायद यही वो पहली जनरेशन है जिसने कॉमिक्स बुक्स की जगह सीधे वीडियो गेम्स को देखा है। इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के दौर में पली बढ़ी ये जनरेशन फिलहाल नेपाल में सड़कों पर दिख रही है। नेपाल की केपी ओली सरकार द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन करने के फैसले के बाद पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा है।

नेपाल में Gen-Z  की खूनी क्रांत‍ि

सरकार ने जैसे ही युवाओं को रील बनाने से रोका है, युवा सड़क पर उतरकर रियल सवाल पूछने लगे हैं, भ्रष्टाचार की बात करने लगे हैं, नौकरी कहां है? ये सवाल करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर बैन और सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ 12 हजार से ज्यादा युवा सोमवार सुबह संसद भवन परिसर में घुस गए, जिसके बाद सेना ने कई राउंड फायरिंग की। नेपाल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फिलहाल 16  लोगों की मौत की खबर सामने आई है और कई युवा घायल भी हुए हैं। नेपाल के इतिहास में संसद में घुसपैठ का यह पहला मामला है।

फिलहाल नेपाल के कैसे हैं हालात

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने पेड़ों की टहनियां और पानी की बोतलें फेंकी और सरकार विरोधी नारे लगाए। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। द काठमांडू पोस्ट के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में भी घुस गए, जिससे माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया। काठमांडू में बढ़ती अशांति के बीच जिला प्रशासन ने कर्फ्यू का दायरा और समय बढ़ा दिया है। पहले यह सिर्फ राजधानी के बानेश्वर इलाके तक सीमित था, लेकिन अब इसे कई हाई सिक्योरिटी एरिया तक लागू कर दिया गया है। इसमें राष्ट्रपति निवास (शीतल निवास), उपराष्ट्रपति का आवास (लैंचौर), महाराजगंज, सिंह दरबार परिसर, प्रधानमंत्री आवास और उसके आसपास के इलाके शामिल हैं। काठमांडू में कर्फ्यू को देर रात तक के लिए लागू कर दिया है। इस दौरान इन इलाकों में लोगों की मूवमेंट, सभाओं, विरोध-प्रदर्शनों और घेराव जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी।

अब सवाल उठता है कि आखिर ये प्रदर्शन हो क्यों रहा है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब

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