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Trump Tariff: क्या दो प्रतिद्वंद्वियों को साथ ला रहा ट्रंप का टैरिफ? गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

Trump Tariff: गलवान संघर्ष के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त को पहली बार चीन जाएंगे, SCO समिट में शामिल होने। पीएम मोदी के चीन दौरे का ऐलान ऐसे समय में हुआ है, जब ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। विस्तार से जानिए कि क्या ट्रंप का रवैया भारत और चीन को साथ ला रहा है। साथ ही, इससे अमेरिका की मुश्किलें किस तरह से बढ़ेंगी।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Aug 06, 2025 पर 8:33 PM
Trump Tariff: क्या दो प्रतिद्वंद्वियों को साथ ला रहा ट्रंप का टैरिफ? गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी
यह 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पीएम मोदी का पहला चीन दौरा होगा। (फाइल फोटो)

Trump Tariff: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में शामिल होने के लिए तियानजिन, चीन जाएंगे। यह 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पीएम मोदी का पहला चीन दौरा होगा। उस संघर्ष ने भारत-चीन संबंधों को गहरे संकट में डाल दिया था। पीएम मोदी की यह यात्रा सतर्कता के साथ ही सही, लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्तों में संभावित नरमी का संकेत देती है।

यह प्रस्तावित दौरा हाल ही में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के चीन दौरे के बाद हो रहा है। इसे अशांत भारत-चीन रिश्तों में धीमे लेकिन सोच-समझकर किए जा रहे रीसेट का सबसे मजबूत संकेत माना जा रहा है।

इस कूटनीतिक बदलाव के पीछे एक नया भू-राजनीतिक दबाव है- अमेरिका से बढ़ता आर्थिक दबाव। खासकर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बढ़ते टैरिफ खतरों के बीच। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि रूस से भारत के आयात को निशाना बनाकर ट्रंप का आक्रामक नजरिया ही भारत और चीन को व्यावहारिक संवाद की ओर धकेल सकता है।

ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर पहले से ही 25% शुल्क लगाया था। उन्होंने बुधवार को भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे ट्रंप केवल एक पुराने सहयोगी को नाराज करने से ज्यादा आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने भारत को अपने ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ साझा आधार खोजने की ओर धकेला है।

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