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महिलाओं को 500 पाकिस्तानी रुपए में ऑनलाइन आतंकी बनने की ट्रेनिंग! मसूद अजहर की बहन की देखरेख में जैश का नया 'जिहादी कोर्स'

इस नए संगठन में अहम भूमिका आतंकी मौलाना मसूद अजहर की बहनों- सादिया और समैरा अजहर और एक दूसरे कमांडर की पत्नी अफरीरा फारूक को दी गई है। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह परिवार आधारित नेतृत्व भरोसा बनाने, निष्ठा कायम रखने और विचारधारा पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए किया गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 22, 2025 पर 2:51 PM
महिलाओं को 500 पाकिस्तानी रुपए में ऑनलाइन आतंकी बनने की ट्रेनिंग! मसूद अजहर की बहन की देखरेख में जैश का नया 'जिहादी कोर्स'
महिलाओं को 500 पाकिस्तानी रुपए में ऑनलाइन आतंकी बनने की ट्रेनिंग! मसूद अजहर की बहन की देखरेख में जैश का नया 'जिहादी कोर्स'

खुफिया एजेंसियों के अनुसार को अब बड़ी अहम जानकारी हाथ लगी है। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपने संगठन की ताकत बढ़ाने के लिए अब महिलाओं को अपने जाल फंसाने की काम शुरू कर दिया है। यह अभियान संगठन के शीर्ष नेताओं के करीबी रिश्तेदारों के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम बताता है कि आतंकी संगठन ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है। अब यह डिजिटल तरीके और परिवार आधारित नेटवर्क के जरिए भर्ती और प्रचार पर ध्यान दे रहा है।

खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, संगठन ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किया है जिसका नाम तुफत अल-मुमिनात है। इसके साथ ही एक समानांतर महिला संगठन बनाया गया है, जिसे जमात उल-मुमिनात या “महिला ब्रिगेड” कहा जा रहा है।

इस नए संगठन में अहम भूमिका आतंकी मौलाना मसूद अजहर की बहनों- सादिया और समैरा अजहर और एक दूसरे कमांडर की पत्नी अफरीरा फारूक को दी गई है। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह परिवार आधारित नेतृत्व भरोसा बनाने, निष्ठा कायम रखने और विचारधारा पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए किया गया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह पहल उन आतंकवादी संगठनों की तरह है, जिन्होंने पहले महिलाओं को सक्रिय भूमिका में लाया है, जैसे ISIS की अल-खंसा ब्रिगेड, LTTE और हमास। रिपोर्टों में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में महिलाओं को “धार्मिक और नैतिक रूप से संघर्ष में भाग लेने का अधिकार और कर्तव्य” बताया जा रहा है।

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