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Budget 2025: सरकार आखिर किस वजह से STT खत्म नहीं कर रही, क्या 1 फरवरी को इसे खत्म करने का होगा ऐलान?

FY24 में STT से सरकार का रेवेन्यू 40,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। इस साल 10 नवंबर तक एसटीटी क्लेक्शन 36,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। यह FY25 में एसटीटी के लिए 37,000 करोड़ रुपये के टारगेट का 97 फीसदी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 02, 2025 पर 4:33 PM
Budget 2025: सरकार आखिर किस वजह से STT खत्म नहीं कर रही, क्या 1 फरवरी को इसे खत्म करने का होगा ऐलान?
STT की शुरुआत 2004 में हुई थी।

सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) सरकार के लिए रेवेन्यू के एक बड़े स्रोत के रूप में उभरा है। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 2004 में इसकी शुरुआत की थी। उनका मकसद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) टैक्स को हटाना था। पहले यह माना गया कि एसटीटी से स्टॉक मार्केट्स में सभी को एक समान मौके उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। स्टॉक मार्केट्स के सभी पार्टिसिपेंट्स का टैक्स में कंट्रिब्यूशन होगा। लेकिन, केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2018 में फिर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीज) टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया। इससे एसटीटी लागू करने का मकसद पूरा नहीं हुआ।

FY24 में एसटीटी कलेक्शन 40000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा

पिछले सालों में कई वित्तमंत्रियों ने सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने के लिए एसटीटी में बदलाव किए। कोविड की महामारी के बाद एसटीटी कलेक्शन बढ़ा है। FY24 में STT से सरकार का रेवेन्यू 40,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। इस साल 10 नवंबर तक एसटीटी क्लेक्शन 36,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। यह FY25 में एसटीटी के लिए 37,000 करोड़ रुपये के टारगेट का 97 फीसदी है। इससे सरकार के रेवेन्यू में एसटीटी के बढ़ते कंट्रिब्यूशन का पता चलता है।

एफएंडओ के सख्त नियमों का असर एसटीटी कलेक्शन पर पड़ेगा

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