सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) सरकार के लिए रेवेन्यू के एक बड़े स्रोत के रूप में उभरा है। पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 2004 में इसकी शुरुआत की थी। उनका मकसद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) टैक्स को हटाना था। पहले यह माना गया कि एसटीटी से स्टॉक मार्केट्स में सभी को एक समान मौके उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। स्टॉक मार्केट्स के सभी पार्टिसिपेंट्स का टैक्स में कंट्रिब्यूशन होगा। लेकिन, केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2018 में फिर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीज) टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया। इससे एसटीटी लागू करने का मकसद पूरा नहीं हुआ।
