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Budget 2025 : बजट में आक्रामक विनिवेश योजना की संभावना नहीं, ये है केमिकल शेयरों खरीदारी का सही समय

Market outlook : अगले सप्ताह आने वाली आरबीआई की नीति पर दिवम शर्मा की राय ​​है कि मौजूदा नकदी की स्थिति और ग्लोबल स्तर पर महंगाई में नरमी को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती की संभावना बहुत ज्यादा है। दिवम शर्मा ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक और फंड मैनेजर हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 31, 2025 पर 11:33 AM
Budget 2025 : बजट में आक्रामक विनिवेश योजना की संभावना नहीं, ये है केमिकल शेयरों खरीदारी का सही समय
Union Budget 2025 : ऐसा लग रहा है कि भारत सरकार वित्त वर्ष 2026 के लिए कोई बड़ी विनिवेश योजनाओं लेकर नहीं आ रही है। अब सरकार बड़े पैमाने पर निजीकरण पर जोर देने के बजाय, अपना रुख बदल रही है

Union Budget : ग्रीन पोर्टफोलियो के को-फाउंडर और फंड मैनेजर दिवम शर्मा ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ऐसा नहीं लगता कि केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2026 के लिए किसी बड़े और महत्वाकांक्षी विनिवेश योजना का प्रस्ताव रखेंगी। उनके मुताबिक अब सरकार बड़े पैमाने पर निजीकरण पर जोर देने के बजाय, अपना रुख बदल रही है। अब राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को बेचने के बजाय उन्हें भारी वित्तीय सहायता देकर मजबूत बनाने पर अधिक फोकस किया जा रहा है। अगले सप्ताह आने वाली आरबीआई की नीति पर दिवम शर्मा की राय ​​है कि मौजूदा नकदी की स्थिति और ग्लोबल स्तर पर महंगाई में नरमी को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती की संभावना बहुत ज्यादा है।

बाजार पर बात करते हुए दिवम ने कहा कि उन्हें केमिकल सेक्टर में निवेश अवसर दिखने लगे हैं। उनका मानना ​​है कि यह सेक्टर अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है। इसलिए आने वाले सालों में यह अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। निवेश प्रबंधन का 15 साल से ज़्यादा का अनुभव रखने वाले दिवम का कहना है कि केमिकल स्टॉक में निवेश करने का यह सही समय है।

क्या आपको लगता है कि बाजार में फिर से मजबूत तेजी आने से पहले शायद 5% करेक्शन और होगा?

इसके जवाब में दिवम ने कहा कि हां,बाजारों में जो गिरावट का दबाव देखने को मिल रहा है वह जारी रह सकता है। बाजार में फिलहाल कोई दिशा नहीं नजर आ रही है। बैंकिंग से जुड़े आंकड़ों में कमजोरी,अमेरिका द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध,भारत के प्रति ट्रंप के रवैये की अनिश्चितता बाजार को प्रभावित करने वाली शॉर्ट टर्म चुनौतियां हैं। चीन पर ट्रंप के टैरिफ और भारतीय निर्यातकों के प्रति उनके दृष्टिकोण पर स्पष्टता आने पर बाजारों में स्थिरता आएगी।

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