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JEE-NEET एंट्रेंस एग्जाम अब पहले से हो जाएगा आसान! कोचिंग पर निर्भरता कम करने की तैयारी में सरकार

JEE-NEET Entrance Exams: यह समीक्षा इसलिए हो रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को JEE-NEET जैसे प्रवेस परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर न रहना पड़े। कोचिंग से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह समीक्षा की जाएगी

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 7:02 PM
JEE-NEET एंट्रेंस एग्जाम अब पहले से हो जाएगा आसान! कोचिंग पर निर्भरता कम करने की तैयारी में सरकार
JEE-NEET Entrance Exams: इन मुद्दों की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर समीक्षा की जाएगी

JEE-NEET Entrance Exams: केंद्र सरकार जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) जैसी प्रवेश परीक्षाओं के डिफिकल्टी लेवल की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। यह समीक्षा इसलिए हो रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर न रहना पड़े। कोचिंग से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए गठित एक एक्सपर्ट कमेटी से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह समीक्षा की जाएगी।

एक सूत्र ने गुरुवार को कहा, "समिति यह अध्ययन करने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण कर रही है कि क्या परीक्षाओं का डिफिकल्टी लेवल 12वीं कक्षा के सिलेबस के डिफिकल्टी लेवल के अनुरूप है। 12वीं कक्षा का सिलेबस इन परीक्षाओं का आधार है। कुछ अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों के संकाय सदस्यों का मानना ​​है कि दोनों के बीच तालमेल नहीं है जिससे कोचिंग पर निर्भरता अंततः बढ़ जाती है।"

सूत्रों ने पीटीआई से कहा, "समिति की प्रतिक्रिया के आधार पर इन प्रवेश परीक्षाओं के कठिनाई स्तर की समीक्षा करने पर विचार किया जाएगा।" शिक्षा मंत्रालय ने जून में कोचिंग संस्थानों, डमी स्कूल और प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता एवं निष्पक्षता से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए 9 सदस्यीय समित का गठन किया था।

उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी की अध्यक्षता वाली समिति उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए कोचिंग संस्थानों पर छात्रों की निर्भरता कम करने के उपाय सुझाएगी। सूत्रों ने कहा, "समिति वर्तमान स्कूली शिक्षा प्रणाली में मौजूद उन खामियों की जांच करेगी जिनके कारण छात्र कोचिंग संस्थानों पर निर्भर हो जाते हैं। यह समिति इस बात पर विशेष रूप से गौर करेगी कि आलोचनात्मक सोच, तार्किक विवेक, क्षमता और इनोवेशन पर किस तरह सीमित ध्यान दिया जा रहा है।"

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