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Bihar Chunav 2025: डॉक्‍टर- इंजीनियर और Phd होल्‍डर...बिहार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं ये एजुकेटेड प्रत्याशी

Bihar Assembly Elections 2025: पिछले कुछ सालों में बिहार के युवाओं ने बार-बार यह सवाल उठाया कि राज्य की राजनीति में अधिक पढ़े-लिखे और सक्षम लोग क्यों नहीं आते। यही वजह है कि अब पार्टियां उम्मीदवारों की शैक्षणिक और प्रोफेशनल पृष्ठभूमि पर खास ध्यान दे रही हैं। इस बार चुनाव में नए चेहरे भी हैं और अनुभव वाले नेता भी

Edited By: Rajat Kumarअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 5:34 PM
Bihar Chunav 2025: डॉक्‍टर- इंजीनियर और Phd होल्‍डर...बिहार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं ये एजुकेटेड प्रत्याशी
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार के चुनावी मैदान और राजनीति में पढ़े-लिखे चेहरों की भूमिका मजबूत हो रही है।

बिहार की सियासत में इस बार एक नया चैप्टर जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। लंबे समय से जाति और पारंपरिक वोट पैटर्न पर आधारित राजनीति के बीच अब बदलाव की हवा चल रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव में कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और प्रोफेसर जैसे प्रोफेशन से आते हैं। यहां तक कि एक उम्मीदवार डी.लिट डिग्री धारक भी है। यह इशारा है कि प्रदेश में मतदाता और राजनीतिक पार्टियां अब पढ़े-लिखे और सक्षम चेहरों को तवज्जो दे रही हैं और विकास व योग्यता आधारित राजनीति की ओर रुझान बढ़ रहा है।

चुनावी मैदान में इस बार उतरें हैं इतने एजुकेटेड प्रत्याशी 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की बात करें तो इस चुनाव में लगभग सभी बड़े दल- चाहे जेडीयू हो, आरजेडी, बीजेपी या जन सुराज ने उम्मीदवार चुनते समय शिक्षा और प्रोफेशनल बैकग्राउंड को महत्वपूर्ण माना है। इस बार विधानसभा मैदान में कुल मिलाकर 12 इंजीनियर, 5 डॉक्टर, 17 वकील और 12 पीएचडी डिग्री वाले प्रत्याशी उतर चुके हैं। राजनीतिक दलों का ये फैसला दिखाता है कि, चुनावी मैदान और राजनीति में पढ़े-लिखे चेहरों की भूमिका मजबूत हो रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में बिहार के युवाओं ने बार-बार यह सवाल उठाया कि राज्य की राजनीति में अधिक पढ़े-लिखे और सक्षम लोग क्यों नहीं आते। यही वजह है कि अब पार्टियां उम्मीदवारों की शैक्षणिक और प्रोफेशनल पृष्ठभूमि पर खास ध्यान दे रही हैं। इस बार चुनाव में नए चेहरे भी हैं और अनुभव वाले नेता भी। अगर ये शिक्षित उम्मीदवार विधानसभा तक पहुंचते हैं, तो वे आने वाले समय में बिहार की राजनीति की दिशा बदल सकते हैं। अब देखना होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है और किस सोच को आगे बढ़ाती है।

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