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‘जंगलराज’: अतीत की परछाई या सियासी हथियार, बिहार चुनाव में नैरेटिव की जंग का केंद्र बना पुराना शब्द

Bihar Chunav 2025: करीब दो दशक पहले नीतीश कुमार ने ‘‘जंगलराज खत्म कर सुशासन लाने’’ के नारे के साथ सत्ता संभाली थी। लेकिन हर चुनाव में राजनीतिक वर्चस्व की इस लड़ाई में यह ‘बीते दौर की परछाई’ फिर जीवंत हो उठती है। यह शब्द लालू प्रसाद और बाद में उनकी पत्नी राबड़ी देवी के शासनकाल (1990 के दशक) के दौरान कथित रूप से कानून-व्यवस्था की बदहाली के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 08, 2025 पर 9:33 PM
‘जंगलराज’: अतीत की परछाई या सियासी हथियार, बिहार चुनाव में नैरेटिव की जंग का केंद्र बना पुराना शब्द
Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव में बार बार क्यों गूंज रहा 'जंगलराज' शब्द

बिहार विधानसभा चुनाव में मुकाबला केवल चुनावी मैदानों में नहीं, बल्कि सोशल मीडिया, टीवी बहसों और जनता की यादों में भी लड़ा जा रहा है। और जनता की स्मृतियों के इस रणक्षेत्र में शायद ही कोई शब्द‘जंगलराज’ जितना ताकतवर राजनीतिक हथियार बन पाया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से जनता दल यूनाइटेड (JDU) और उसकी प्रमुख सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता, विपक्षी RJD और ‘इंडिया गठबंधन’ पर निशाना साधने के लिए ‘जंगलराज’ शब्द का बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत NDA के शीर्ष नेता लगातार चुनावी सभाओं में ‘जंगलराज’ का हवाला देते हुए मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि ‘‘उस दौर को लौटने न दें’’ और युवाओं को ‘‘जंगलराज के दौर की सच्चाई बताएं।’’

क्यों याद किया जाता है 'जंगलराज'?

यह शब्द लालू प्रसाद और बाद में उनकी पत्नी राबड़ी देवी के शासनकाल (1990 के दशक) के दौरान कथित रूप से कानून-व्यवस्था की बदहाली के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

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