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Mahua Assembly Seat: तेजप्रताप की पारी से लेकर मुकेश रौशन की जीत तक, 2025 में कैसा होगा महुआ में समीकरण?

Mahua Assembly Seat: महुआ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में मुस्लिम और यादव समुदाय की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। यहां की कुल आबादी में इन दोनों समुदायों की हिस्सेदारी लगभग 35% से भी ज्यादा है। यही वजह है कि इन्हें RJD का सबसे मजबूत और स्थायी वोट बैंक माना जाता है

Suresh Kumarअपडेटेड Sep 08, 2025 पर 8:31 AM
Mahua Assembly Seat: तेजप्रताप की पारी से लेकर मुकेश रौशन की जीत तक, 2025 में कैसा होगा महुआ में समीकरण?
महुआ विधानसभा का 2015 चुनाव खास माना जाता है, क्योंकि यहीं से तेजप्रताप यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी

Mahua Assembly Seat: वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रही है। इसका क्षेत्र संख्या 126 है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यह जनरल सीट है, यानी यह सीट अनुसूचित जाति (SC) या जनजाति (ST) के लिए आरक्षित नहीं है। यहां से कई दिग्गज नेताओं ने अपनी सियासत की शुरुआत की है। कभी कांग्रेस, कभी जनता दल और अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD), महुआ का इतिहास लगातार बदलते समीकरणों का गवाह रहा है।

2020 में RJD की जीत

पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में RJD ने यहां शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी के प्रत्याशी मुकेश कुमार रौशन ने JDU उम्मीदवार आश्मा परवीन को 13,687 वोटों से हराया। रौशन को 36.48% वोट मिले, जबकि आश्मा परवीन को 28.47% वोटों से संतोष करना पड़ा। तीसरे नंबर पर रही लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को करीब 14.65% वोट मिले थे। इस नतीजे ने साफ कर दिया कि महुआ सीट पर यादव–मुस्लिम समीकरण RJD के पक्ष में मजबूती से खड़ा है।

महुआ विधानसभा में तेजप्रताप की एंट्री

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