फिल्म- 120 बहादुर

फिल्म- 120 बहादुर
रेटिंग- 3.5
कलाकार-फरहान अख्तर, राशि खन्ना, विवान भटेना, अंकित सिवाच और अन्य
निर्देशक-रजनीश घई
120 Bahadur Movie Review: ‘आज धरती लहू पुकार रही है… सींच दो उसे दुश्मन की खून से…’ फिल्म ‘120 बहादुर’ का ये डॉयलॉग सुनते ही आप के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। फिल्म देखते हुए आप कई बार गर्व होगा की आप भारत का हिस्सा हैं। वहीं फिल्म के कुछ सीन आपकी आंखों में आंसू ला देंगे। 21 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली इस फिल्म में फरहान अख्तर लीड रोल में नजर आने वाले हैं। देशभक्ति और साहस से भरपूर इस फिल्म को देखने का अगर आप प्लान कर रहे हैं, तो पहले इस रिव्यू को जरूर पढ़ लीजिए।
फिल्म की कहानी
फिल्म को एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के तले तैयार किया गया है। मुख्य किरदार मेजर शैतान सिंह भाटी को केंद्र में रखकर इस फिल्म की कहानी को बुना गया है। मेजर 120 सैनिकों के साथ रेज़ांग ला पोस्ट को कैसे साहर के साथ संभालते हैं, फिल्म में आपको देखने को मिलेगा। 3000 चीनी सैनिक इस पोस्ट को कब्जा करने के लिए हर छल को अपनाते हैं, फिल्म दिखाती है कि कैसे कम साधनों, सर्द मौसम और लगातार दबाव के बीच भारतीय सैनिकों ने मुश्किल का सामना डट कर किया। फिल्म आपने देशभक्ति की भावना भी भरेगी और जोश भी। वहीं कहीं-कहीं पर आंखों से आंसू भी छलक पड़ेंगे।
एक्टिंग
फरहान अख्तर लगभग चार साल बाद सिल्वर स्क्रीन पर कमबैक कर रहे हैं। स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी दमदार लगती है। लेकिन कई अहम सीन में उनके इमोशन थोड़े और मजबूत हो सकते थे। उनके चेहरे पर थकान दिखती है, जो मेजर शैतान सिंह के किरदार को थोड़ा सा कमजोर दिखाती है। डायलॉग डिलीवरी कहीं-कहीं थोड़ी फीकी है।
राशि खन्ना को काफी कम स्क्रीन स्पेस मिला हैं। पर अपने लिमिटेड टाइम को उन्होंने अच्छे से यूज किया है। उनके और फरहान के बीच एक कपल वाला इमोशन थोड़ा कम नजर आता है। विवान भतेना (जमादार सूरजा राम) अपनी दमदार आवाज और डायलॉग डिलीवरी से दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल हुए हैं। एजाज खान कमांडिंग ऑफिसर के रूप में जच रहे हैं। स्पर्श वालिया, अंकित सिवाच, दिग्विजय प्रताप, देवेंद्र अहिरवार और फ्रेडी चान जैसे कलाकारों ने मिलकर सैनिकों के किरदार में अच्छा काम किया है।
फिल्म का डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन रजनीश ‘रेजी’ घोष ने किया है। उनकी सोच फिल्म में साफ दिखती है। कहानी को उन्होंने बड़े स्केल और इमोशनल तरीके से दर्शकों के सामने रखा है। कुछ सीन शानदार है, तो वहीं कुछ प्रभावी नहीं हैं। कई जगह इमोशन समझ से परे हो जाते हैं। फिल्म के बीच में आपको ऐसा लगता है कि ‘बॉर्डर’ रूप देने की कोशिश की गई हो।
फिल्म का संगीत
फिल्म का संगीत सामान्य है। गाने जहन में ठहरने वाले नहीं हैं और बैकग्राउंड स्कोर भी सिर्फ कमचालाउ सा है। संगीत कहानी को आगे बढ़ाने में उतनी मदद नहीं कर पाता है, जितना उम्मीद की गई थी।
फिल्म को देखें या नहीं?
120 बहादुर के जरिए शहीद हुए सौनिकों को सम्मान दिया गया है। फिल्म भारतीय सेना की बहादुरी को दिखाती है। इसे और खूबसूरती से और मजबूती से बनाया जा सकता था। यदि आपको या आपके परिवार को इतिहास जानने में इंट्रेस्ट है तो फिल्म एक बार देखी जा सकती है।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।