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लिवर फेल होने का कारण बन सकती है प्याज पर नजर आने वाले काली रंग की परत

कभी प्याज का छिलका उतारते समय उस पर जमी काली रंग की परत देखी है आपने? प्याज छीलते समय ये हाथों पर भी लग जाती है। आमतौर पर हम इसे पानी से धोकर साफ कर लेते हैं और प्याज का इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन ये काली परत लिवर फेल होने का कारण बन सकती है। आइए जानें

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 27, 2025 पर 1:02 PM
लिवर फेल होने का कारण बन सकती है प्याज पर नजर आने वाले काली रंग की परत
प्याज में लगी ये काली परत असल में फफूंद या फंगस है, जिसका तकनीकी नाम एस्परगिलस नाइजर है।

आमतौर पर सभी के घरों में प्याज, ग्रेवी, सलाद, कचौड़ी, पकौड़ी हर चीज का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है। खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा इसमें कई गुण होते हैं, जिनकी वजह से प्याज को जाना जाता है। लेकिन प्याज में कई बार एक काली रंग की परत या कुछ पाउडर जैसा तत्व अक्सर हाथों पर लग जाता है। ये कभी प्याज के ऊपर छिलके पर होते हैं, तो कभी प्याज के अंदर भी नजर आते हैं। हालांकि, प्याज को धो देने पर ये साफ हो जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि प्याज में पड़े ये काले धब्बे असल में है क्या? क्या ये फंगस है? क्या इससे कोई नुकसान हो सकता है? आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं, तो आज इनका जवाब जानते हैं।

प्याज में लगी ये काली परत असल में फफूंद या फंगस है, जिसका तकनीकी नाम एस्परगिलस नाइजर है। ये मिट्टी में पाया जाता है, क्योंकि प्याज मिट्टी के अंदर उगती है इसलिए ये प्याज में भी पहुंच जाता है। ये फंगस माइकोटॉक्सिन का उत्पादन करता है, जिससे लिवर की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।

जर्नल ऑफ डायबेटीज ऐंड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स पर छपी स्टडी के मुताबिक प्याज का सेवन जहां नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या की देखभाल करने में मददगार होता है। लेकिन, ये तभी फायदेमंद होगा जब ये साफ हो और दूषित न हो। फफूंद लगा हुआ या दूषित प्याज का सेवन आपके लिवर को खतरनाक टॉक्सिन का शिकार बना सकता है, जो लंबे समय में इसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए बेहतर है, खाने की किसी भी चीज में प्याज का इस्तेमाल करने से पहले इसमें दाग, धब्बे, खराब या दूषित हिस्सों को देख लें।

प्याज में फफूंद का संक्रमण इन काले धब्बों का कारण होता है। एस्परगिलस नाइजर गर्म और नमी वाले वातावरण में पनपती है। ये भंडारण के समय या प्याज के विकास के दौरान हो जाता है। ये काले धब्बे आमतौर से प्याज की बाहरी परत से शुरू होते हैं और धीरे-धीरे अंदर भी हो जाते हैं। सही भंडारण और देखभाल से इस समस्या से बचा जा सकता है। इस फफूंद से माइकोटॉक्सिंस का उत्पादन होता है। ये दूषित तत्व (टॉक्सिस कंपाउंड) होता है, जो शरीर के अंदर जमा होने लगता है। दूषित या संक्रमित प्याज का लंबे समय तक सेवन करने से लिवर का कामकाज और संपूर्ण सेहत प्रभावित हो सकती है।

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