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अब पाकिस्तान की खैर नहीं! BSF के 'ड्रोन स्क्वाड्रन' करेंगे भारतीय सीमा की सुरक्षा, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बड़ा फैसला

BSF Drone Squadrons: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के लिए 'ड्रोन स्क्वाड्रन' के गठन को मंजूरी दे दी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद 'ड्रोन स्क्वाड्रन' के लिए तौर-तरीके तैयार किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ निगरानी और सटीक हमलों के लिए आवश्यक ड्रोनों के साथ-साथ कामिकेज़ ड्रोनों की भी हम जांच कर रहे हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Jul 23, 2025 पर 9:48 AM
अब पाकिस्तान की खैर नहीं! BSF के 'ड्रोन स्क्वाड्रन' करेंगे भारतीय सीमा की सुरक्षा, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बड़ा फैसला
BSF Drone Squadrons: 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी ड्रोनों के हमलों के बाद 'ड्रोन स्क्वाड्रन' के लिए तौर-तरीके तैयार किए जा रहे हैं

BSF Drone Squadrons: सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती के लिए पहला "ड्रोन स्क्वाड्रन" तैयार कर रहा है। साथ ही, BSF ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से सीखे गए सबक के मद्देनजर घातक यूएवी हमलों के खिलाफ अपनी सुरक्षा व्यवस्था और चौकियों को मजबूत करना शुरू कर दिया है। गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल के लिए ड्रोन स्क्वाड्रन के गठन को मंजूरी दे दी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी ड्रोनों के हमलों के बाद 'ड्रोन स्क्वाड्रन' के लिए तौर-तरीके तैयार किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ निगरानी और सटीक हमलों के लिए आवश्यक ड्रोनों के साथ-साथ कामिकेज ड्रोनों की भी हम जांच कर रहे हैं।

सुरक्षा प्रतिष्ठान के आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस मोर्चे पर विशिष्ट सीमा चौकियों (बीओपी) पर तैनात स्क्वाड्रन में विभिन्न प्रकार के टोही, निगरानी और हमलावर ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और विशेष रूप से ट्रेंड कर्मी शामिल होंगे, जो इन मशीनों को संचालित कर सकेंगे।

सूत्रों ने बताया कि इस स्क्वाड्रन का संचालन चंडीगढ़ स्थित बीएसएफ के पश्चिमी कमान मुख्यालय में स्थित एक कंट्रोल रूम द्वारा किया जाएगा। बता दें कि बीएसएफ का मुख्य कार्य भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करना है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमा सुरक्षा बल की ताकत, कमजोरियों और खतरों की हाल ही में समीक्षा के बाद यूनिट के गठन का निर्णय लिया गया। यह अभियान भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी और रक्षा ठिकानों पर हमला करने के लिए शुरू किया गया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के प्रतिशोध के रूप में किया गया। पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

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