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इंडस्ट्री को ट्रंप टैरिफ से राहत देने पर विचार, लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स को मदद संभव : सूत्र

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक जिस सेक्टर में कॉम्पिटिटर से 5 फीसदी ड्यूटी तक का अंतर होगा उन्हें सरकार मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स को मदद संभव है। सरकार के पास RoDTEP और RoSCTL के तहत इंसेंटिव बढ़ाने का विकल्प है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 04, 2025 पर 5:20 PM
इंडस्ट्री को ट्रंप टैरिफ से राहत देने पर विचार, लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स को मदद संभव : सूत्र
सूत्रों के मुताबिक स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स में चिंता की बात नहीं हैं। इसलिए सरकार लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स पर विचार कर रही है

Trump tariff : ट्रंप टैरिफ से परेशान इंडस्ट्री के लिए राहत की खबर है। सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सरकार एक्सपोर्टर्स को वित्तीय मदद देने पर विचार कर रही है। इस पर ज्यादा डिटेल्स के साथ सीएनबीसी-आवाज के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि सरकार एक्सपोर्टर्स को वित्तीय मदद देने पर विचार कर रही है। सरकार ट्रंप टैरिफ का असर कम करने लिए कदम उठाएगी।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक जिस सेक्टर में कॉम्पिटिटर से 5 फीसदी ड्यूटी तक का अंतर होगा उन्हें सरकार मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स को मदद संभव है। सरकार के पास RoDTEP और RoSCTL के तहत इंसेंटिव बढ़ाने का विकल्प है। RoDTEP (emission of Duties & Taxes on Export Products) और RoSCTL (Rebate of State & Central Taxes & Levies) को आगे जारी रखने पर विचार किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स में चिंता की बात नहीं हैं। इसलिए सरकार लेदर और टेक्सटाइल्स के कुछ प्रोडक्ट्स पर विचार कर रही है। आज शाम लेदर एक्सपोर्टर्स के साथ सरकार की बैठक है। सूत्रों के मुताबिक ऑटो कंपोनेंट एक्सपोर्टर्स के साथ भी इस हफ्ते सरकार की बैठक। ट्रेप टैरिफ से चावल एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ने की आशंका नहीं है।

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रस्तावित नई टैरिफ पॉलिसी के चलते भारतीय एक्सपोर्टर्स की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर हो सकती है। अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में उनको दूसरी विदेशी कंपनियों से मुकाबला करने में परेशानी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार चाहती है कि इंसेंटिव बढ़ाकर और ऊपर बताई गई स्कीम्स को जारी रखकर निर्यातकों को राहत दी जाए।

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