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कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया चुनाव 2025: एक बार फिर BJP vs BJP

क्लब की चुनावी परंपरा कोई नया या असाधारण घटनाक्रम नहीं है। ये चुनाव चौथी बार हो रहा है। इससे पहले 2009, 2014 और 2019 में चुनाव हो चुके हैं। इसके पहले भी बीजपी के ही विजय गोयल और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क्लब का चुनाव लड़ चुके हैं। यही परंपरा क्लब की लोकतांत्रिक परिपक्वता को दर्शाता है

Amitabh Sinhaअपडेटेड Jul 28, 2025 पर 4:30 PM
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया चुनाव 2025: एक बार फिर BJP vs BJP
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया चुनाव 2025: एक बार फिर BJP Vs BJP

दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में चुनावों की गहमा गहमी शुरू हो गई है। वोटिंग 12 अगस्त को होगी। इसमें सचिव (प्रशासन) और 11 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव किया जाएगा। इस बार मुकाबला हाई प्रोफाइल हो गया है, क्योंकि इस बार सचिव (प्रशासन) पद के लिए बीजेपी के दो वरिष्ठ नेताओं– राजीव प्रताप रूडी और डॉ. संजीव बालियान के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। एक तरफ रूडी हैं, जो पहले चुनावों से अब तक इस पद का चुनाव जीतते रहे हैं और क्लब के कायाकल्प के हीरो रहे हैं। वहीं संजीव बालियान पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। अब बालियान रूडी से दो-दो हाथ करने के लिए मैदान मे जुटे हैं।

क्लब की चुनावी परंपरा कोई नया या असाधारण घटनाक्रम नहीं है। ये चुनाव चौथी बार हो रहा है। इससे पहले 2009, 2014 और 2019 में चुनाव हो चुके हैं। इसके पहले भी बीजपी के ही विजय गोयल और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क्लब का चुनाव लड़ चुके हैं। यही परंपरा क्लब की लोकतांत्रिक परिपक्वता को दर्शाता है। इस बार के चुनावों की खास बात ये है कि मतदान से पहले ही DMK के तिरुचि सिवा, सचिव संस्कृति, कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला, खेल सचिव और कोषाध्यक्ष के पद पर एपी जितेंद्र रेड्डी निर्वाचित हुए हैं। इन पदों पर दो-दो नामांकन हुए थे, लेकिन नाम वापसी के बाद ये नेता निर्विरोध चुने गए। कार्यकारी सदस्य के लिए 11 पदों के लिए कुल 14 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इनमें शिवसेना, टीएमसी, एसपी, बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी दलों के सांसद शामिल हैं। जाहिर है ये क्लब के अंदर राजनीतिक सहभागिता को दर्शाता है।

संविधान सभा से जुड़ा है कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का इतिहास

कॉन्स्टीट्यूशन क्लब की स्थापना 1947 में संविधान सभा के सदस्यों के संवाद यानी बातचीत और चर्ता करने के लिए हुई थी। बाद में इसे सांसदों के क्लब के रूप में मान्यता मिली। इसकी औपचारिक संरचना 1965 में राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा उद्घाटन के साथ स्थापित हुई। साल 1998-99 में लोकसभा अध्यक्ष स्व. जीएमसी बालयोगी ने एक विन कमेटी गठित की, जिसमें राजीव प्रताप रूडी, हन्नान मौला जैसे सदस्य शामिल थे।

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