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दिल्ली का दम घुट रहा है! 3 साल में 6 बड़े अस्पतालों में गंभीर सांस की बीमारी के 2 लाख से ज्यादा मरीज, सरकार ने दिए आंकड़े

यह आंकड़े स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी (मनोनीत) की ओर से पूछे गए सवाल संख्या 274 के जवाब में दिए। सरकार ने संसद में छह बड़े अस्पतालों (AIIMS, सफदरजंग, LHMC समूह, RML, NITRD, VPCI) के आंकड़े भी बताए। इनके अनुसार इमरजेंसी विभाग (Emergency) में आए अक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (ARI) मामलों और भर्ती मरीजों की साल-दर-साल के आंकड़े दिए गए।

Curated By: Shubham Sharmaअपडेटेड Dec 03, 2025 पर 1:39 PM
दिल्ली का दम घुट रहा है! 3 साल में 6 बड़े अस्पतालों में गंभीर सांस की बीमारी के 2 लाख से ज्यादा मरीज, सरकार ने दिए आंकड़े
दिल्ली का दम घुट रहा है! 3 साल में 6 बड़े अस्पतालों में गंभीर सांस की बीमारी के 2 लाख से ज्यादा मरीज (IMAGE-AI)

संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में 2022 से 2024 के बीच 2,04,758 लोगों को अचानक होने वाली सांस की बीमारी यानी एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (ARI) की वजह से इमरजेंसी में आना पड़ा। इनमें से 30,420 मरीज, यानी करीब 15% की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह आंकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली की लगातार बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या लोगों की सेहत पर कितना गंभीर असर डाल रही है।

यह आंकड़े स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी (मनोनीत) की ओर से पूछे गए सवाल संख्या 274 के जवाब में दिए।

डॉ. सहनी ने सरकार से खास तौर पर तीन सवाल पूछे थे:

  • क्या मंत्रालय ने बढ़ते वायु प्रदूषण और शहरों में बढ़ रही सांस की बीमारियों के बीच संबंध का अध्ययन किया है?
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