संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में 2022 से 2024 के बीच 2,04,758 लोगों को अचानक होने वाली सांस की बीमारी यानी एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (ARI) की वजह से इमरजेंसी में आना पड़ा। इनमें से 30,420 मरीज, यानी करीब 15% की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। यह आंकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली की लगातार बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या लोगों की सेहत पर कितना गंभीर असर डाल रही है।
