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Tamannaah Bhatia के फिटनेस ट्रेनर ने रोटी-सब्जी वाले भारतीय लंच पर किया ये खुलासा, स्मार्ट खानपान को बताया आज के दौर की मांग

Tamannaah Bhatia की फिटनेस देखकर आप भी आहें भरते हैं, तो जान लें उनके फिटनेस ट्रेनर की ये जरूरी बात। सिद्धार्थ सिंह ने रोटी-सब्जी वाले भारतीय लंच पर हाल ही में बड़ा खुलासा किया है। इसके साथ ही, उन्होंने स्मार्ट ईटिंग को आज के दौर की मांग भी बताया है। आइए जानें क्या है ये

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 03, 2025 पर 6:56 PM
Tamannaah Bhatia के फिटनेस ट्रेनर ने रोटी-सब्जी वाले भारतीय लंच पर किया ये खुलासा, स्मार्ट खानपान को बताया आज के दौर की मांग
सिद्धार्थ एक बार में एक या दो ही रोटी खाने की सलाह देते हैं।

Tamannaah Bhatia: हम भारतीयों के लिए दोपहर के खाने का मतलब है कुछ ऐसा खाना जो सेहतमंद, आरामदायक और जाना-पहचाना हो। इसमें रोटी, एक कटोरा सब्जी, थोड़े से चावल भी शामिल हों। लेकिन तमन्ना भाटिया के फिटनेस ट्रेनर सिद्धार्थ सिंह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इसे न सिर्फ मिथ कहा है, बल्कि सेहतमंद लगने वाली इस प्लेट को कम बैलेंस्ड भी करार दिया है। सिद्धार्थ तमन्ना के अलावा कंगना रनौत के भी फिटनेस ट्रेनर रह चुके हैं।

उन्होंने हाल ही में अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि ज्यादातर भारतीय खाना अनजाने में "कार्ब्स के ऊपर कार्ब्स" कॉम्बो होता है। इससे प्रोटीन, फाइबर या जरूरी न्यूट्रिएंट्स के लिए बहुत कम जगह बचती है जो शरीर को एनर्जेटिक रखते हैं। अपनी पोस्ट में उन्होंने बताया कि हमारी प्लेटें अक्सर कार्बोहाइड्रेट की तरफ ज्यादा झुकी होती हैं। इसमें कुछ छोटे बदलाव एक आम खाने को पौष्टिक बना सकते हैं।

रोज की 'रोटी-सब्जी’ पर फिर से सोचें

सिद्धार्थ का कहना है कि चपाती मुख्य खाना है, लेकिन एक सीमा से अधिक खाने ब्लड शुगर का स्तर खराब हो सकता है। एक आम भारतीय थाली में ज्यादातर एक बार में पांच या उससे अधिक रोटियां होती हैं। ज्यादा चपाती वजन संभालना मुश्किल कर सकती है। सिद्धार्थ एक बार में एक या दो ही रोटी खाने की सलाह देते हैं।

जब सब्जियां भी कार्ब का भार बढ़ाती हैं

आलू की सब्जी या उससे बनी डिशेज हर घर में बहुत पसंद की जाती हैं। लेकिन सिद्धार्थ के मुताबिक, इसमें भी कार्बोहाइड्रेट होता है। इस मामले में वह पोर्शन कंट्रोल पर जोर देते हैं।

खाने में शामिल करें एक कटोरा सलाद

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