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'पेड़ों की अवैध कटाई के कारण आपदाएं आई': सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व भूस्खलन-बाढ़ पर लिया संज्ञान, राज्यों से मांगा जवाब

Supreme Court Flood-Rain: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 सितंबर) को राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि पेड़ों की अवैध कटाई के कारण ये आपदाएं आईं। याचिका में केंद्र और अन्य को प्रभावित नागरिकों के लिए आपातकालीन राहत, बचाव, सुरक्षा, प्राथमिक मेडिकल सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Sep 04, 2025 पर 2:35 PM
'पेड़ों की अवैध कटाई के कारण आपदाएं आई': सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व भूस्खलन-बाढ़ पर लिया संज्ञान, राज्यों से मांगा जवाब
Supreme Court Flood-Rain: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में पेड़ों की अवैध कटाई के कारण आपदाएं आई हैं

Supreme Court Flood-Rain Notice: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 सितंबर) को केंद्र सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और अन्य से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि पेड़ों की अवैध कटाई के कारण ये आपदाएं आईं। याचिका में केंद्र और अन्य को प्रभावित नागरिकों के लिए आपातकालीन राहत, बचाव, सुरक्षा, प्राथमिक मेडिकल सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

'विकास और पर्यावरण' के बीच संतुलन बनाए रखने पर जोर देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और पंजाब की सरकारों को भी नोटिस जारी किए।

पीटीआई के मुताबिक CJI ने कहा, "हमने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अभूतपूर्व भूस्खलन और बाढ़ देखी है। मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि बाढ़ में भारी मात्रा में लकड़ी बहकर आई। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। इसलिए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें।"

पीठ ने याचिकाकर्ता अनामिका राणा की ओर से पेश हुए वकील आकाश वशिष्ठ और शुभम उपाध्याय को केंद्रीय एजेंसी को नोटिस और याचिका की कॉपी देने को कहा। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान एक अन्य मामले के सिलसिले में अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से गंभीर स्थिति पर ध्यान देने और सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करने को कहा।

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