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Delhi: व्हाट्सएप ग्रुप से कैसे हुआ हिंसक प्रदर्शन का प्लान, पुलिस कर रही मैसेजेस की जांच

Delhi: सूत्रों के अनुसार, एक व्हाट्सएप ग्रुप, जिसे एक हफ्ते पहले बनाया गया था और कथित तौर पर रविवार को हुए प्रदूषण विरोध प्रदर्शन को प्लान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, दिल्ली पुलिस की जांच का मुख्य केंद्र है। इस घटना को लेकर दो प्राथमिकियों दर्ज की गई है।

Translated By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Nov 26, 2025 पर 9:49 AM
Delhi: व्हाट्सएप ग्रुप से कैसे हुआ हिंसक प्रदर्शन का प्लान, पुलिस कर रही मैसेजेस की जांच
व्हाट्सएप ग्रुप से कैसे हुआ हिंसक प्रदर्शन का प्लान, पुलिस कर रही मैसेजे की जांच

Delhi: सूत्रों के अनुसार, एक व्हाट्सएप ग्रुप, जिसे एक हफ्ते पहले बनाया गया था और कथित तौर पर रविवार को हुए प्रदूषण विरोध प्रदर्शन को प्लान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था, दिल्ली पुलिस की जांच का मुख्य केंद्र है। इस घटना को लेकर दर्ज की गई दो प्राथमिकियों में से एक में बताया गया है कि कैसे प्रदर्शनकारी संगठित और योजनाबद्ध तरीके से कर्तव्य पथ से भागे, लेकिन फिर से संसद मार्ग थाने के बाहर इकट्ठा हो गए और थाने का प्रवेश द्वार अवरुद्ध कर दिया। पुलिस ने 22 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ फरार लोगों की तलाश जारी है।

सूत्रों ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप में 200 से ज्यादा सदस्य और तीन एडमिन थे, जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्र ने आगे कहा, "उनमें से एक पुलिसवालों पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करने में शामिल था।" पुलिस यह समझने के लिए ग्रुप में किए गए मैसेजेस की जांच करेगी कि विरोध प्रदर्शन की योजना कैसे बनाई गई थी।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सोमवार को बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 197 (राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप या दावे) भी लागू की गई है। इसकी उपधारा डी के तहत, जो कोई भी भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाता या प्रकाशित करता है, उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

प्रदर्शनकारी दे रहे थे भ्रामक जानकारी

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