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भारत ट्रंप के टैरिफ से निपटने को तैयार, सरकार ने बताया अपना पूरा एक्शन प्लान

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा है कि अमेरिकी टैरिफ का एक्सपोर्ट पर शॉर्ट टर्म में पड़ने वाला असर सीमित रह सकता है। अगर सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर कोशिश करते हैं तो असर को काफी सीमित रखा जा सकता है। उसने यह भी कहा है कि ऐसे झटके हमें मजबूत और फुर्तीला बनाते हैं

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Aug 27, 2025 पर 10:53 PM
भारत ट्रंप के टैरिफ से निपटने को तैयार, सरकार ने बताया अपना पूरा एक्शन प्लान
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जुलाई के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में इकोनॉमी के बारे में कई अहम बातें बताई हैं।

सरकार ने अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ के असर के बारे में बड़ा बयान दिया है। 27 अगस्त को फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ घटने की आशंका है, जिससे कमोडिटी की कीमतें नियंत्रण में रह सकती हैं। इससे अमेरिकी टैरिफ से होने वाले नुकसान की कुछ हद तक भरपाई होगी। हालांकि मिनिस्ट्री ने कहा कि इंडिया की ग्रोथ के लिए रिस्क तभी घटेगा जब अमेरिका के साथ डील को लेकर बातचीत जारी रहेगी।

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 27 जून को जारी की मंथली इकोनॉमिक रिव्यू

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जुलाई के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू में इकोनॉमी के बारे में कई अहम बातें बताई हैं। उसने कहा है कि अमेरिकी टैरिफ का एक्सपोर्ट पर शॉर्ट टर्म में पड़ने वाला असर सीमित रह सकता है। लेकिन, इसका इकोनॉमी पर ज्यादा सेकेंडरी इफेक्ट हो सकता है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उसने कहा है कि इसके लिए अमेरिका से ट्रेड को लेकर होने वाली बातचीत काफी अहम है। इस महीने के आखिर में बातचीत के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इंडिया आने वाला था। लेकिन, बाद में उसका कार्यक्रम रद्द हो गया।

सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर कर सकते हैं कोशिश

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