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Jagdeep Dhankhar Pension: इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया आवेदन, जानें- पूर्व उपराष्ट्रपति को कितने मिलेंगे पैसे

Jagdeep Dhankhar Pension: राजस्थान में पूर्व विधायक के लिए पेंशन एक कार्यकाल के लिए 35,000 रुपये प्रति माह से शुरू होती है। अतिरिक्त कार्यकाल और उम्र के साथ बढ़ती जाती है। 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को 20 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिलता है। 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ पूर्व विधायक होने के नाते 42,000 रुपये प्रति माह के हकदार हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Aug 30, 2025 पर 4:20 PM
Jagdeep Dhankhar Pension: इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया आवेदन, जानें- पूर्व उपराष्ट्रपति को कितने मिलेंगे पैसे
Jagdeep Dhankhar Pension: जगदीप धनखड़ ने पूर्व विधायक के रूप में पेंशन की बहाली के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में आवेदन दिया है

Jagdeep Dhankhar Pension: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पूर्व विधायक के रूप में पेंशन के लिए आवेदन दिया है। धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। वह जुलाई 2019 तक पूर्व विधायक के रूप में पेंशन ले रहे थे। धनखड़ के पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद यह पेंशन बंद कर दी गई थी। 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद धनखड़ ने पूर्व विधायक के रूप में पेंशन की बहाली के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में नए सिरे से आवेदन दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार सचिवालय ने इस आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनकी पेंशन उपराष्ट्रपति के रूप में उनके इस्तीफे की तारीख से लागू होगी। राजस्थान में पूर्व विधायक के लिए पेंशन एक कार्यकाल के लिए 35,000 रुपये प्रति माह से शुरू होती है। अतिरिक्त कार्यकाल और उम्र के साथ बढ़ती जाती है।

70 वर्ष से अधिक आयु वालों को 20 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ मिलता है। अधिकारियों के अनुसार 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ पूर्व विधायक होने के नाते 42,000 रुपये प्रति माह के हकदार हैं। राजस्थान में नेताओं के लिए दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था लागू है। इसके तहत सांसद और विधायक दोनों रहे नेता दोनों पदों की पेंशन ले सकते हैं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सरकार एवं स्वयं धनखड़ की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आने से पूरे देश में चिंता व्याप्त है। गहलोत ने कहा कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति का शाम तक काम करना और फिर बिना किसी स्पष्टीकरण के अचानक इस्तीफा दे देना अभूतपूर्व है।

गहलोत ने कहा कि एक मंत्री इस्तीफा देता है तो लोकसभा में, राज्यसभा में कई बार स्पष्टीकरण दिया जाता है कि क्या कारण रहा है। ‘उपराष्ट्रपति का इस्तीफा हो गया और कोई स्पष्टीकरण नहीं है न उनकी तरफ से, न ही सरकार की तरफ से, अब लीपापोती कर रहे हैं, इतने दिन से वो बाहर आ नहीं रहे हैं पूरा देश पूछ रहा है वो हैं कहां पर, चिंतित हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उपराष्ट्रपति द्वारा स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिए जाने संबंधी बयान पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा कि क्या किसी वरिष्ठ नेता ने वास्तव में उपराष्ट्रपति का हालचाल पूछा था। उन्होंने कहा, "कोई गया मिलने के लिए? आपकी तबियत कैसी है, पूछा किसी ने? जब पूछा ही नहीं किसी ने तो ये आप इस प्रकार भ्रमित कर रहे हो देशवासियों को। लोग भ्रमित होने वाले नहीं है। पूरा देश पूछ रहा है हमारा उपराष्ट्रपति था, अचानक वो गायब कैसे हो गया?"

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