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Rohingya In India: 'क्या हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछाएं?'; रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Rohingya Debate In India: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 दिसंबर) को सवाल किया कि क्या ज्यूडिशियरी से देश में गैर-कानूनी तरीके से घुसने वालों को खास सुरक्षा देने की उम्मीद की जा सकती है? बेंच की अगुवाई कर रहे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से पूछा, "क्या आप चाहते हैं कि हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछा दें?"

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 2:13 PM
Rohingya In India: 'क्या हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछाएं?'; रोहिंग्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Rohingya Debate In India: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 2 दिसंबर को रोहिंग्या मामले पर सख्त टिप्पणी की

Rohingya Debate In India: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 दिसंबर) को रोहिंग्या शरणार्थियों के गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया। शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि क्या ज्यूडिशियरी से देश में गैर-कानूनी तरीके से घुसने वालों को खास सुरक्षा देने की उम्मीद की जा सकती है? इस दौरान रोहिंग्या मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए बेंच की अगुवाई कर रहे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से पूछा, "क्या आप चाहते हैं कि हम उनके लिए रेड कार्पेट बिछा दें?"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहिंग्या अंडरग्राउंड रास्तों से भारत में घुस रहे हैंफिर खाना और रहने की जगह जैसे अधिकारों की मांग कर रहे हैं। CJI ने कहा, "वे सुरंगों से घुसते हैं।  और खाना और रहने की जगह जैसे अधिकारों की मांग करते हैं।" सीमित वेलफेयर रिसोर्स पर दबाव पर जोर देते हुए चीफ जस्टिस ने पूछा, "क्या आपके गरीब बच्चे इन फायदों के हकदार नहीं हैं? क्या हमें कानून को इतना लंबा खींचना होगा?"

बेंच ने गैर-कानूनी माइग्रेशन से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं पर भी रोशनी डालीखासकर भारत की उत्तरी सीमाओं की स्थिति पर चर्चा कीCJI ने कहा, "नॉर्थ इंडिया में हमारा बॉर्डर बहुत सेंसिटिव है। अगर कोई घुसपैठिया गैर-कानूनी तरीके से घुसता है, तो क्या हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसे यहीं रखें?" उन्होंने इस मुद्दे के नेशनल-सिक्योरिटी वाले पहलू पर जर दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि रोहिंग्या लापता हो रहे हैं। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अर्जी के आधार पर ही सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इसे किसी ऐसे व्यक्ति ने दायर किया है जिसका ऐसे मुद्दे उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

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