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'संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, फोन से कर सकते हैं डिलीट' विपक्ष के बवाल के बीच केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री सिंधिया ने दी सफाई

Sanchar Sathi App: इससे पहले सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम डुप्लिकेट और नकली IMEI नंबरों पर रोक लगाने के लिए जरूरी है, जिनसे "राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर खतरा" पैदा करते हैं। हालांकि, विपक्ष ने इसे लोगों की प्राइवेसी में सरकार का खुला दखल करार दिया और आरोप लगाया कि इससे केंद्र लोगों की जासूसी करना चाहता है

Shubham Sharmaअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 1:19 PM
'संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, फोन से कर सकते हैं डिलीट' विपक्ष के बवाल के बीच केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री सिंधिया ने दी सफाई
केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ की संचार साथी ऐप फोन में रखना अनिवार्य नहीं है

केंद्र सरकार के सभी नए मोबाइल हैंडसेट पर 'संचार साथी' एप्लीकेशन को अनिवार्य करने के फैसले को लेकर छिड़े विवाद के बाद अब केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री ने साफाई दी कि 'संचार साथी' अनिवार्य नहीं है और उसे आप डिलीट कर सकते हैं। इससे पहले सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह कदम डुप्लिकेट और नकली IMEI नंबरों पर रोक लगाने के लिए जरूरी है, जिनसे "राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर खतरा" पैदा करते हैं। हालांकि, विपक्ष ने इसे लोगों की प्राइवेसी में सरकार का खुला दखल करार दिया और आरोप लगाया कि इससे केंद्र लोगों की जासूसी करना चाहता है।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद के बाहर मीडिया से कहा, "अगर आप संचार साथी नहीं चाहते हैं, तो आप इसे हटा सकते हैं। यह वैकल्पिक है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस ऐप को सभी तक पहुंचाएं। इसे अपने डिवाइस में रखना या न रखना, यूजर पर निर्भर है।"

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों का दिया था आदेश

दरअसल दूरसंचार विभाग ने मोबाइल हैंडसेट बनाने और इंपोर्टर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 90 दिन के भीतर सभी नए डिवाइस में धोखाधड़ी की सूचना देने वाला ऐप ‘संचार साथी’ पहले से लगा हो।

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