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स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग संकट में,  चीन की नई पाबंदियां खड़ी कर रही हैं नई अड़चनें

चीन के इस रुख से मशीनरी, मिनरल और टेक्निकल स्टाफ की सप्लाई में देरी हो रही है। इस देरी के कारण प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है जिससे कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। चीन से पाबंदियों पर कोई लिखित नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। सिर्फ मौखिक निर्देश से सप्लाई रोकने की कोशिश हो रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 18, 2025 पर 2:09 PM
स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग संकट में,  चीन की नई पाबंदियां खड़ी कर रही हैं नई अड़चनें
रेयर अर्थ मैग्नेट के मुद्दे पर PMO में अहम बैठक चल रही है। इसमें रेयर अर्थ को लेकर भारत की रणनीति पर चर्चा होगी

भारत का स्मार्टफोन एक्सपोर्ट टारगेट खतरे में पड़ सकता है। चीन की पाबंदियों पर इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री ने खतरे की घंटी बजा दी है। इस पर ज्यादा डिटेल्स देते हुए सीएनबीसी -आवाज संवाददाता असीम मनचंदा ने बताया कि स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग पर एक बड़ा संकट नजर आ रहा है। स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की तरफ से सरकार के लिए एलर्ट जारी किया गया है। इस में कहा गया है। स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए चीन की नई पाबंदियां नई अड़चनें खड़ी कर रही हैं। इसके चलते वित्त वर्ष 2026 तक 32 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट लक्ष्य खतरे में है।

चीन जानबूझकर सप्लाई चेन धीमा कर रहा है। चीन का लक्ष्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने से रोकना है। इस पर इंडस्ट्री बॉडी ICEA (India Cellular & Electronics Association) ने सरकार को चिट्ठी लिखी है। इस चिठ्ठी में इस बात की अपील की गई है कि इस मामले में सरकार दखल दे और चीन से पर बात करे

क्या-क्या हो रहा है प्रभावित?

चीन के इस रुख से मशीनरी, मिनरल और टेक्निकल स्टाफ की सप्लाई में देरी हो रही है। इस देरी के कारण प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है जिससे कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। चीन से पाबंदियों पर कोई लिखित नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। सिर्फ मौखिक निर्देश से सप्लाई रोकने की कोशिश हो रही है।

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