IndiGo: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स की सरकार के साथ बैठक के दौरान हाथ जोड़े हुए वायरल हुई तस्वीर के पीछे की कहानी स्पष्ट करते हुए कहा कि यह इशारा केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए था।

IndiGo: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स की सरकार के साथ बैठक के दौरान हाथ जोड़े हुए वायरल हुई तस्वीर के पीछे की कहानी स्पष्ट करते हुए कहा कि यह इशारा केवल उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए था।
बता दें कि वायरल तस्वीर के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए नायडू ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि, "उन्होंने हाथ जोड़े, वे न केवल मुझसे बल्कि देश के उन लोगों से माफी मांग रहे थे जिन्होंने कठिनाइयों का सामना किया।"
मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पिछले लगभग दो हफ्तों से पूरे भारत में एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। सैकड़ों उड़ानें देर से चलीं या रद्द कर दी गईं, यात्रियों की लंबी कतारें घंटों लगी रहीं और स्टाफ की कमी से संचालन ठप्प हो गया।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अंततः मंगलवार को एल्बर्स को संकट का आकलन करने और एयरलाइन के कामकाज में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग करने हेतु तलब किया।
बैठक के दौरान, सरकार ने Indigo को अस्थायी रूप से अपनी उड़ान अनुसूची कम करने का आदेश दिया और साथ ही कंपनी से परिचालन में 10% की कटौती करने को भी कहा। सरकार का कहना था कि इससे व्यवस्था को स्थिर करने और एयरलाइन को सामान्य स्थिति में लौटने में मदद मिलेगी।
बैठक के बाद, इंडिगो ने कहा कि वह सरकार के निर्देश का पालन करेगी और अपने सभी गंतव्यों के लिए सेवा जारी रखते हुए आवश्यक कटौती को लागू करेगी।
बाद में एजेंडा आजतक पर बोलते हुए नायडू ने इंडिगो को इन व्यवधानों के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ये व्यवधान खराब योजना और दोषपूर्ण आंतरिक प्रक्रियाओं के कारण हुए हैं। उनके अनुसार, इस संकट को टाला जा सकता था।
एल्बर्स ने इस सप्ताह की शुरुआत में इंडिया टुडे टीवी को दिए एक अलग इंटरव्यू में स्वीकार किया कि इस स्थिति ने उन्हें भी चौंका दिया था और इसे जिस तरह बढ़ने दिया गया, वैसा नहीं होना चाहिए था।
नायडू ने भी इस आकलन का समर्थन करते हुए कहा, "यह संकट इंडिगो की भारी लापरवाही का ही परिणाम था। उनकी आंतरिक क्रू रोस्टरिंग प्रणाली में कुछ गड़बड़ी थी, जिसे फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) गाइडलाइंस के तहत नए मानदंडों का पालन करके टाला जा सकता था, जो दुर्भाग्यवश नहीं हुआ।"
उन्होंने आगे कहा कि इस चूक ने एक ऐसी श्रृंखला को जन्म दिया जिससे देशभर में परिचालन ठप्प हो गया, जिस वजह से हमने 3 और 4 दिसंबर को उड़ानों के रद्द होने का सिलसिला देखा।"
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