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Buttermilk: कब और कैसे पीना चाहिए छाछ, कब करना चाहिए परहेज? जानें पूरी जानकारी

Buttermilk: छाछ या बटरमिल्क गर्मियों में सबसे पसंदीदा देसी पेय है। ये पेट की गैस, कब्ज और एसिडिटी को कम करता है, शरीर को हाइड्रेट रखता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोबायोटिक्स भरपूर होते हैं, जो पाचन सुधारते हैं, टॉक्सिन निकालते हैं और स्किन को ग्लो भी देते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 20, 2025 पर 3:47 PM
Buttermilk: कब और कैसे पीना चाहिए छाछ, कब करना चाहिए परहेज? जानें पूरी जानकारी
Buttermilk: छाछ में भरपूर कैल्शियम होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है।

छाछ या बटरमिल्क भारतीय घरों में गर्मियों का सबसे पसंदीदा और पारंपरिक पेय है। ये केवल ठंडक और स्वाद ही नहीं देता, बल्कि पाचन को दुरुस्त रखने, शरीर को हाइड्रेट रखने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी मदद करता है। गर्मियों में खाना खाने के बाद छाछ पीना हमारे पुराने देसी रीति-रिवाजों में शामिल है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट की बैक्टीरिया बैलेंस करने, पाचन को आसान बनाने और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। छाछ में विटामिन्स जैसे B12, B2, A, D और K के साथ कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं और हीटस्ट्रोक का खतरा कम करते हैं।

ये ड्रिंक शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है, सूजन घटाता है और स्किन को भी ग्लो देती है। छाछ का नियमित सेवन दिल, लीवर और किडनी की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। हल्का और आसानी से डाइजेस्ट होने वाला ये पेय हर उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और हेल्दी विकल्प है।

छाछ से कौन-कौन सी बीमारियां दूर होती हैं

छाछ पेट की गैस, एसिडिटी और जलन को कम करता है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड पेट में बैलेंस बनाए रखता है और कब्ज को दूर करता है। अल्सर या पेट में जलन वाले लोगों के लिए ये बहुत फायदेमंद है। गर्मियों में ये नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक की तरह काम करता है और हीटस्ट्रोक का खतरा कम करता है।

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