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MP Election 2023 : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमपी की सूरत बदलने का श्रेय चौहान को दिया, कहा-CM पद का मुझे लालच नहीं

ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया का बड़ा असर है। 2020 में उनके साथ कांग्रेस के करीब 2 दर्जन विधायक भाजपा में शामिल हुए थे। अब सिंधिया पर अपने विधायकों को चुनाव में विजयी बनाने के साथ ही राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनवाने की जिम्मेदारी है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में 34 में से 26 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत हुई थी। इसमें सिंधिया का बड़ा हाथ था

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 06, 2023 पर 12:39 PM
MP Election 2023 : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमपी की सूरत बदलने का श्रेय चौहान को दिया, कहा-CM पद का मुझे लालच नहीं
इस बार भाजपा के नेता पूरी ताकत से मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं तो इसमें क्या खराबी है? इस बार विधानसभ चुनावों में भाजपा ने 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन, सिंधिया खुद मैदान में नहीं हैं।

मध्य प्रदेश (MP Elections) में इस बार के विधानसभा चुनावों में जिन नेताओं की साख दांव पर लगी है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का नाम शामिल है। सिंधिया 2020 तक कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे। लेकिन, करीब साढे़ तीन साल पहले उनके भाजपा का दामन थाम लेने से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के हाथ से सत्ता फिसल गई थी। खासकर ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया का बड़ा असर है। 2020 में उनके साथ कांग्रेस के करीब 2 दर्जन विधायक भाजपा में शामिल हुए थे। अब सिंधिया पर अपने विधायकों को चुनाव में विजयी बनाने के साथ ही राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनवाने की जिम्मेदारी है। अगर भाजपा जीतती है तो इस बार मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब आज किसी के पास नहीं है।

सिंधिया पर इस बार बड़ी जिम्मेदारी

सिंधिया ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का कोई लालच नहीं है। उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा की अब तक की सफलता का श्रेय भी शिवराज सिंह को दिया है। इससे अगले मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराज सिंह चौहान की उम्मीदवारी को ताकत मिली है। राज्य में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे सिंधिया से न्यूज18 ने से कई सवालों के जवाब पूछे जो आम लोगों के मन में चल रहे हैं।

मध्य प्रदेश की सूरत बदलने का श्रेय चौहान को

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