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MP Election 2023: राघौगढ़ है दिग्विजय सिंह का गढ़, सामने है सिंधिया का सिपाही, पढ़िए दिलचस्प मुकाबला

MP Election 2023: मध्य प्रदेश का चुनावी रण जीतने के लिए इस बार BJP ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने कई सांसदों को विधायकी के मैदान में उतार दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में 144 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इस बीच सूबे की राघौगढ़ सीट हॉट सीट बनती जा रही है। 46 साल से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Oct 16, 2023 पर 4:01 PM
MP Election 2023: राघौगढ़ है दिग्विजय सिंह का गढ़, सामने है सिंधिया का सिपाही, पढ़िए दिलचस्प मुकाबला
MP Election 2023: राघौगढ़ से सीएम शिवराज सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है।

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे। आचार संहिता लागू होते ही राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच यहां सीधा मुकाबला है। दोनों ही दल ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं। दोनों राजनीतिक दल कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच सूबे राघौगढ़ विधानसभा सीट चर्चित विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। इस सीट पर 46 सालों से सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा है। इसे प्रदेश के एक बड़े राजघराने के कब्जे वाली सीट के नाम से जाना जाता है। दरअसल, यह क्षेत्र सूबे के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता है।

इस सीट से राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी हार का सामना करना पड़ा है। यहां से 1977 में दिग्विजय सिंह ने पहली बार चुनाव जीता। तब से दिग्विजय परिवार का जीत का सिलसिला जारी है। मौजूदा समय में दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह यहां से विधायक हैं। इस बार कांग्रेस ने फिर से उन्हें टिकट दिया है। बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है।

राघौगढ़ विधानसभा सीट

गुना जिले कि राघौगढ़ विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट है। यहां पर 1977 में दिग्विजय सिंह पहली बार यहां पर चुनाव जीते। फिर 1980 में दूसरी बार विजयी हुए। इसके बाद यह सीट हमेशा दिग्विजय सिंह के आसपास ही बनी रही। 1985 में दिग्विजय सिंह के चचेरे भाई मूल सिंह यहां से चुने गए। फिर 1990 और 1993 में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह यहां से विधायक बने। राघौगढ़ सीट पर दिग्विजय सिंह की दूसरी पीढ़ी की एंट्री हो चुकी है। उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने 2013 के चुनाव में जीत हासिल की। जयवर्धन फिर से 2018 में चुने गए। इस दौरान बीजेपी अब तक यहां पर खाता नहीं खोल सकी है। बीजेपी ने हिरेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है।

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