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Rajasthan Election 2023 : कांग्रेसी विधायक अपने इलाके में क्यों सचिन पायलट की रैलियां चाहते हैं?

गहलोत पांच साल के अपने काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जो योजनाएं उन्होंने शुरू की है, उसका मतदाताओं पर अच्छा असर पड़ा है। उन्होंने समाज के करीब हर वर्ग के लिए स्कीम का ऐलान किया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि मतदाता गहलोत से तो नाराज नहीं हैं। लेकिन, कई कांग्रेसी विधायकों और सरकार के मंत्रियों से मतदाता खुश नहीं हैं। यही वजह है कि गोपाल मीणा अपने निवार्चन क्षेत्र में पायलट को चुनाव प्रचार के लिए बुलाना चाहते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 16, 2023 पर 12:16 PM
Rajasthan Election 2023 : कांग्रेसी विधायक अपने इलाके में क्यों सचिन पायलट की रैलियां चाहते हैं?
पायलट का राज्य के कई इलाकों और खासकर युवाओं पर काफी असर है। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में उनका बड़ा हाथ था।

एक विधायक की चिट्ठी ने राजस्थान कांग्रेस में हलचल मचा दी है। जमवारामगढ़ के विधायक और कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल लाल मीणा ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उनसे अनुरोध किया गया है कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मीणा के विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने के लिए भेजा जाए। इसमें कुछ असामान्य नहीं है। लेकिन, ऐसे वक्त जब राज्य में कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व अशोक गहलोत कर रहे हैं, ऐसी चिट्ठी कुछ सवाल खड़ा करती है। पहला, पार्टी के दूसरे सबसे पावरफुल नेता होने के बावजूद क्या सचिन पायलट कांग्रेस उम्मीदवारों की उम्मीद के मुताबिक रैलियां नहीं कर रहे हैं? दूसरा, गहलोत के ड्राइविंग सीट पर होने के बावजूद उम्मीदवारों को लगता है कि पायलट के उनके निर्वाचन इलाके में प्रचार करने से वोटर्स पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है। बतौर मुख्यमंत्री गहलोत के 5 साल के कार्यकाल में सचिन पायलट से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। हां, यह कांग्रेस के लिए अच्छा है कि चुनाव से ठीक पहले दोनों के रिश्तों में तल्खी नहीं दिख रही है। दोनों नेताओं के एक-दूसरे को निशाना बनाते नहीं देखा गया है।

कई विधायकों और मंत्रियों से मतदाता नाराज

गहलोत पांच साल के अपने काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जो योजनाएं उन्होंने शुरू की है, उसका मतदाताओं पर अच्छा असर पड़ा है। उन्होंने समाज के करीब हर वर्ग के लिए स्कीम का ऐलान किया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि मतदाता गहलोत से तो नाराज नहीं हैं। लेकिन, कई कांग्रेसी विधायकों और सरकार के मंत्रियों से मतदाता खुश नहीं हैं। यही वजह है कि गोपाल मीणा अपने निवार्चन क्षेत्र में पायलट को चुनाव प्रचार के लिए बुलाना चाहते हैं। पायलट का राज्य के कई इलाकों और खासकर युवाओं पर काफी असर है। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में उनका बड़ा हाथ था।

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