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कुंभ 2025: 5000 करोड़ खर्च, 3000 स्पेशल ट्रेन, दिल्ली-मुंबई समेत इन शहरों से फ्लाइट, रोड कनेक्ट, जानें ‘दिव्य डुबकी’ के कितने रास्ते

इससे पहले 2019 के अर्धकुंभ के दौरान रेलवे द्वारा 7000 ट्रेनों का परिचालन किया गया था। बता दें कि देश में कुल चार जगहों पर कुंभ मेला लगता है। ये जगहें हैं प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। इन सभी जगहों में प्रयागराज ही ऐसी जगह है जहां पर अर्धकुंभ लगता है। रेलवे ने यात्री सुविधाओं को देखते हुए कुंभ रेल सेवा 2025 नाम से एक ऐप भी लॉन्च किया है

Arun Tiwariअपडेटेड Dec 26, 2024 पर 6:00 AM
कुंभ 2025: 5000 करोड़ खर्च, 3000 स्पेशल ट्रेन, दिल्ली-मुंबई समेत इन शहरों से फ्लाइट, रोड कनेक्ट, जानें ‘दिव्य डुबकी’ के कितने रास्ते
कुंभ 2025: 5000 करोड़ खर्च, 3000 स्पेशल ट्रेन, दिल्ली-मुंबई समेत इन शहरों से फ्लाइट, रोड कनेक्ट, जानें ‘दिव्य डुबकी’ के कितने रास्ते

प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ (2025) के मद्देनजर शहर में पहुंचने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। आकाश मार्ग से लेकर रेलवे और सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचने की हर व्यवस्था को महाकुंभ के दौरान और व्यापक बनाया जा रहा है। कुंभ के दौरान प्रयाग में 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए आवागमन साधनों की व्यापक व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है।

केवल प्रयागराज में पांच हजार करोड़ खर्च

कुंभ के मद्देनजर सरकार ने 3 हजार से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। इसके अलावा कुंभ के व्यापक आयोजन के मद्देनजर रेलवे 13000 से ज्यादा रेलगाड़ियों का संचालन भी करेगा। कुंभ को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने केवल प्रयागराज में ही पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि लगाई है। कई रोडओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिजों का निर्माण कराया जा चुका है। कुंभ में कई MEMU ट्रेन भी चलाई जाएंगी जिससे श्रद्धालुओं को प्रयाग पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

इससे पहले 2019 के अर्धकुंभ के दौरान रेलवे द्वारा 7000 ट्रेनों का परिचालन किया गया था। बता दें कि देश में कुल चार जगहों पर कुंभ मेला लगता है। ये जगहें हैं प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। इन सभी जगहों में प्रयागराज ही ऐसी जगह है जहां पर अर्धकुंभ लगता है। पूर्ण कुंभ के 6 साल बाद अर्धकुंभ लगता है। 2019 में प्रयागराज में अर्धकुंभ का ही आयोजन हुआ था। हालांकि सामान्य रूप से सरकार द्वारा इसे कुंभ ही कहा जाता है।

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