Get App

Prayagraj Maha Kumbh 2025: हरिद्वार में कितने साल में लगता है कुंभ मेला? जानें- प्रयागराज महाकुंभ से कितना होगा अलग

Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक 45 दिनों तक चलेगा। महाकुंभ को दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक मेले में से एक माना जाता है। कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में होता है। कुंभ में संतों, साधुओं और तीर्थयात्रियों से भरा जीवंत वातावरण वास्तव में अविस्मरणीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव बनाता है

Akhileshअपडेटेड Dec 27, 2024 पर 4:29 PM
Prayagraj Maha Kumbh 2025: हरिद्वार में कितने साल में लगता है कुंभ मेला? जानें- प्रयागराज महाकुंभ से कितना होगा अलग
Prayagraj Mahakumbh 2025: हर 12 वर्ष में चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में कुंभ आयोजित होता है

Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: हिंदू धर्म में कुंभ मेले का बहुत महत्व है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को समाप्त होगा। महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा स्नान से होती है और महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के साथ समाप्त होती है। इस साल महाकुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में होता है। दरअशल, समुद्र मंथन के दौरान, जब देवता और दानव अमृत कलश के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो अमृत की कुछ बूंदें 12 स्थानों पर गिरी थीं। इनमें से चार जगह पृथ्वी पर और आठ स्वर्ग में थीं। पृथ्वी पर वे चार स्थान जहां अमृत गिरा, वे हैं प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक...।

ऐसा कहा जाता है कि अमृत की बूंदें उज्जैन में शिप्रा, प्रयागराज में संगम, हरिद्वार में गंगा और नासिक में गोदावरी नदियों में गिरी थीं। यही कारण है कि इन स्थानों पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। भक्तों का मानना ​​है कि इन नदियों में पवित्र डुबकी लगाने से उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है।

हरिद्वार में कुंभ मेला कब लगता है?

हर 12 साल में हरिद्वार में कुंभ मेला लगता है। शास्त्रों के अनुसार, कुंभ मेले के दौरान गंगा में स्नान करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। हरिद्वार में महाकुंभ तब लगता है जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है। हरिद्वार में पिछला महाकुंभ 2021 में लगा था और अगला महाकुंभ 2033 में लगेगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें