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अशनीर ग्रोवर से जुड़े विवाद का असर दूसरे लोगों पर भी पड़ सकता है, जानिए क्यों

भारतपे के विवाद में फंसने के बाद से यूनिटी एसएफबी के प्रमोटर को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। भारतपे इस बैंक का प्रमोटर है। आरबीआई के नियम के मुताबिक किसी बैंक के प्रमोटर का रिकॉर्ड 'फिट एंड प्रॉपर' होना जरूरी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 09, 2022 पर 7:31 PM
अशनीर ग्रोवर से जुड़े विवाद का असर दूसरे लोगों पर भी पड़ सकता है, जानिए क्यों
आरबीआई पूरे मामले पर नजर रख रहा है। वह अपने स्तर पर भारतपे में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उल्लंघन का पता लगा रहा है। अगर उसे भारतपे के कामकाज में गड़बड़ी मिलती है तो वह कड़ा फैसला ले सकता है।

भारतपे (Bharatpe) के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। कोटक वेल्थ के इंप्लॉयी के साथ अशनीर के बातचीत की ऑडियो क्लिपिंग सामने आने के बाद यह विवाद शुरू हुआ था। धीरे-धीरे इसने भारतपे से जुड़े मसले का रूप ले लिया है। कोटक इंप्लॉयी से बातचीत का विवाद पीछे रह गया है। भारतपे के बोर्ड ने कई कंपनियों को कंपनी के ऑडिट का काम सौंपा है। इसमें से कुछ के नतीजें आ गए हैं, जो चौंकाने वाले हैं।

एएंडएम (A&M) कंसल्टेंसी की शुरुआती जांच से पता चला है कि अशनीर की पत्नी माधुरी ग्रोवर ने रिक्रूटमेंट में फ्रॉड किया है। करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है। उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया है। अशनीर को कंपनी के बोर्ड ने तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया था। अब वह अपनी ही कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। कंपनी का बोर्ड उन्हें बाहर करने पर तुला हुआ है।

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इस मामले का एक दूसरा भी पहलू है। वह यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity SFB) से जुड़ा है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल सेंट्रम ग्रुप और भारतपे के ज्वाइंट वेंचर को स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस दिया था। इसे यूनिटी नाम दिया गया। आरबीआई ने इसमें पीएमसी बैंक के विलय की शर्त पर बैंकिंग लाइसेंस दिया था। पिछले महीने यूनिटी एसएफबी में पीएमसी बैंक का विलय हो गया है।

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