Ashwini Vaishnaw : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि हाल ही में जीएसटी की दरों में किए गए बदलाव से मिडिल क्साल की खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि टैक्स से जुड़ी नई राहतों में जीएसटी में सुधार और बजट में इनकम टैक्स सीमा में बदलाव शामिल हैं। यह कदम दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मध्यम वर्गीय परिवारों का आर्थिक बोझ कम करने पर ध्यान दे रहे हैं।
GST सुधारों से आम लोगों को होगा फायदा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से मिडिल क्साल की चिंता करते रहे हैं। उन्होंने आयकर छूट सीमा बढ़ाने को सैलरीड फैमली के लिए “बहुत बड़ी राहत” बताया। उनका कहना है कि जीएसटी में किए गए सुधार भी इसी दिशा में हैं। वैष्णव ने समझाया कि आयकर और जीएसटी में छूट का असर मिलकर घरेलू खपत को काफी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था 330 लाख करोड़ रुपये की है, जिसमें से 200 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा केवल खपत से आते हैं। इन कदमों से खपत में करीब 10% की बढ़ोतरी हो सकती है।”
जीएसटी दरों में कटौती से बढ़ेगी खपत
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि खपत बढ़ने से निवेश और विकास पर कई गुना असर पड़ेगा। उनके मुताबिक, “जब खपत बढ़ती है तो निवेश भी बढ़ता है, और इससे फिर खपत को और ताकत मिलती है। इसका फायदा हर किसी को होगा और अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर दिखेगा।” उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में हुए बदलाव, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े उत्पादों पर, उन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे जो अपने घरों को बेहतर बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि आज हर घर में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान होते हैं और हम रोजमर्रा की ज़िंदगी में ऐसे कई उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे लगे होते हैं। उन्होंने अंदाजा जताया कि इस कटैगरी में मांग तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि ये कदम परिवारों के लिए मददगार साबित होंगे। इससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा और अपने घरों को अपग्रेड करने के सपने भी पूरे होंगे।
बता दें कि, जीएसटी कॉउसिंल ने टैक्स को दो स्लैब – 5% और 18% – में बांटने का फैसला किया है। इस बदलाव से साबुन से लेकर कार तक, कई तरह की कंज्यूमर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले सामान सस्ते हो जाएंगे। जीएसटी में यह कटौती उस समय हुई है जब 1 अप्रैल से नई इनकम टैक्स लागू हुए अभी छह महीने भी पूरे नहीं हुए हैं। इन दोनों कदमों का मकसद लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचाना और उनकी खरीदने की क्षमता बढ़ाकर अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करना है।
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