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नेटवर्थ कम होने के कारण लाइसेंस की रेस से बाहर निकल चुकीं पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को RBI ने दी एक और मोहलत

Banking licence for payment aggregators: पेमेंट इकोसिस्टम को आसान बनाए रखने के लिए उन पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को एक और विंडो देने का फैसला किया गया है जिन्होंने 17 मार्च 2020 को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 28, 2022 पर 10:34 PM
नेटवर्थ कम होने के कारण लाइसेंस की रेस से बाहर निकल चुकीं पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को RBI ने दी एक और मोहलत
कोरोनावायरस संक्रमण से आए डिसरप्शनके कारण RBI ने यह मोहलत दी है

Banking licence for payment aggregators: रिजर्व बैंक ने 28 जुलाई को उन पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को बड़ी राहत दी है जो नेटवर्थ का मानक पूरा ना करने की वजह  पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस की रेस से बाहर हो गई थीं। RBI ने ऐसी पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को नेटवर्थ का क्राइटेरिया पूरा करने के लिए और मोहलत देने का फैसला किया है। अगर पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां ये लाइसेंस हासिल नहीं कर पाती हैं तो उन्हें अपना बिजनेस बंद करना होगा।

RBI ने कहा है, "Covid-19 महामारी की वजह से डिसरप्शन आया है। ऐसे में पेमेंट इकोसिस्टम को आसान बनाए रखने के लिए उन पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को एक और विंडो देने का फैसला किया गया है जिन्होंने 17 मार्च 2020 को बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।"

पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां 30 सितंबर तक लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकती हैं। और 15 करोड़ रुपए नेटवर्थ की शर्त 31 मार्च 2023 तक पूरा करना होगा। पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के मामले में जब तक RBI की तरफ से कोई सूचना नहीं मिल जाती ये कंपनियां अपना कामकाज जारी रख सकती हैं।

पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन जमा करने की पहली डेडलाइन 30 सितंबर 2021 थी। हालांकि बाद में यह पता चला कि कुछ पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां क्राइटेरिया पूरा नहीं करने के कारण रेस से बाहर निकल चुकी हैं। इनमें से एक अहम क्राइटेरिया 31 मार्च 2021 तक 15 करोड़ रुपए का नेटवर्थ था।

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