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बजट 2023 : देश में सड़कों का जाल बढ़ाना है तो NHAI पर कर्ज का बोझ घटाना होगा

बजट 2023: पिछले कुछ सालों में NHAI ने रोड कंस्ट्रक्शन के लिए काफी कर्ज लिया है। इसकी वजह यह है कि प्राइवेट सेक्टर की दिलचस्पी इस क्षेत्र में निवेश करने में नहीं रही है। फाइनेंशियल ईयर 2014-15 में यह 0.2 लाख करोड़ था। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में यह बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Dec 14, 2022 पर 6:31 PM
बजट 2023 : देश में सड़कों का जाल बढ़ाना है तो NHAI पर कर्ज का बोझ घटाना होगा
इस साल अप्रैल-सितंबर में हाईवे कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी गिरकर रोजाना 19.44 किलोमीटर पर आ गई। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में यह 28.64 किलोमीटर थी।

बजट 2023: नई सड़कें बनाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का फोकस रहा है। BNP Paribas की रिपोर्ट के मुताबिक, रोड सेक्टर में फाइनेंशियल ईयर 2014-15 से 2020-21 के दौरान अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। रोड सेक्टर पर पूंजीगत खर्च की सालाना चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) 20 फीसदी रही है। हाईवेज के मामले में ज्यादा ग्रोथ दिखी है। NHAI की सीएजीआर 35 फीसदी रही है। किलोमीटर के लिहाज से रोड कंस्ट्रक्शन की सीएजीआर 20 फीसदी रही है। पूंजीगत खर्च की ग्रोथ में बढ़ती कंस्ट्रक्शन कॉस्ट और बढ़ती लैंड एक्विजिशन कॉस्ट शामिल हैं। रोड सेक्टर में तेज ग्रोथ को बनाए रखने के लिए NHAI को नई पूंजी उपलब्ध करानी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को पेश होने वाले यूनियन बजट में यह ऐलान कर सकती हैं।

हाईवे कंस्ट्रक्शन के लिए नोडल एजेंसी है NHAI

NHAI रोड बनाने और उसकी मरम्मत से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नोडल एजेंसी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एजेंसी ने रोड कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी बढ़ाने के लिहाज से अच्छा काम किया है। लेकिन, इसकी कुछ कीमत चुकानी पड़ी है। वह है बढ़ता कर्ज। इंडिया में ज्यादातर सड़कें हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर बनाई जाती हैं। इसमें ट्रैफिक रिस्क डेवलपर पर नहीं होता है, जबकि फंडिंग रिस्क 60 फीसदी पर सीमित होता है। बाकी 40 फीसदी रिस्क NHAI पर होता है।

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