करीब एक महीना पहले बीजेपी के अपने दम पर सरकार बनाने की हैसियत खोने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट के जरिए बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है। सरकार ने किसान जैसे प्रमुख वोटर्स समूहों का अंसतोष दूर करने की कोशिश की है। सरकार का फोकस रोजगार के मौके पैदा करने, बिहार और आंध्र प्रदेश के एनडीए के सहयोगी दलों के लिए आवंटन बढ़ाने और स्टॉक मार्केट के लिए कुछ कड़े फैसले पर रहा है। पिछले कई हफ्तों से बीजेपी की तरफ से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही थी कि चुनावों के बाद लोकसभा में सासंदों की संख्या घटने के अलावा दूसरा कोई बदलाव नहीं आया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बजट सरकार की राजनीतिक दिशा बदलने का पहला बड़ा संकेत देता है।