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Budget 2024: क्या इस बार टैक्स के मोर्चे पर मिलेगी बड़ी राहत? स्टैंडर्ड डिडक्शन और छूट की सीमा में बढ़ोतरी के आसार

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में टैक्सपेयर्स को इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स राहत की काफी उम्मीद है। एक सर्वे के मुताबिक, उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार का बजट मध्य वर्ग के टैक्सपेयर्स को खुश कर देगा। सर्वे में नई टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाए जाने तक की बात की जा रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 19, 2024 पर 7:00 AM
Budget 2024: क्या इस बार टैक्स के मोर्चे पर मिलेगी बड़ी राहत? स्टैंडर्ड डिडक्शन और छूट की सीमा में बढ़ोतरी के आसार
बजट 2024 में छूट की बुनियादी सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है। बजट 2024 में छूट की बुनियादी सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में टैक्सपेयर्स को इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से टैक्स राहत की काफी उम्मीद है। एक सर्वे के मुताबिक, उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार का बजट मध्य वर्ग के टैक्सपेयर्स को खुश कर देगा। सर्वे में नई टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाए जाने तक की बात की जा रही है। बजट 2024 में इनकम टैक्स नियमों में बदलाव की संभावनाओं लेकर हमने एक्सपर्ट्स से बात की है और उसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

बजट 2024 में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को बढ़ाया जा सकता है

संभावना जताई जा रही है कि इस बार के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट में बढ़ोतरी की जा सकती है। फिलहाल, नई और पुरानी टैक्स रिजीम में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट है। इसके तहत वास्तविक खर्चों के किसी सबूत की जरूरत नहीं होती है। इसमें पिछली बार 2019 में बदलाव किया गया था। कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इनफ्लेशन में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। EY इंडिया में टैक्स पार्टनर शालिनी जैन का कहना था, ' टैक्सपेयर्स की टैक्सेबल इनकम कम करने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।'

एक और टैक्स एक्सपर्ट चंदर तलरेजा का मानना है कि इस बार के बजट में सरकार इस लिमिट को बढ़ाकर 75,000 कर सकती है, जिससे सभी वेतनभोगी एंप्लॉयीज को फायदा होगा, चाहे उन्होंने कोई भी विकल्प चुना हो। कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि इस लिमिट में 10,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। इससे टैक्स रेवेन्यू भी असर नहीं होगा और सरकार के लिए फिस्कल बजट को मैनेज करना आसान होगा।

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