टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। टैक्स-सेविंग्स के लिए टैक्सपेयर्स सबसे ज्यादा सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले डिडक्शन का इस्तेमाल करते हैं। इससे व्यक्ति पर टैक्स का बोझ घट जाता है। अभी सेक्शन 80सी के तहत मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। 80सी के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन में निवेश करने पर यह डिडक्शन मिलता है।
