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Interim Budget 2024 : कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने का हो सकता है ऐलान

Interim Budget 2024 : एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को हर तरह के एसेट के लिए कैपिटल गेंस टैक्स के एक समान नियम बनाने चाहिए। इससे टैक्सपेयर्स के बीच कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को लेकर कनफ्यूजन नहीं होगा। इससे टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा जिसका फायदा सरकार को होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 11, 2024 पर 4:16 PM
Interim Budget 2024 : कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने का हो सकता है ऐलान
Interim Budget 2024 : सरकार ने पिछले साल पेश बजट में डेट म्यूचुअल फंड्स से जुड़े टैक्स के नियमों में बदलाव किया था।

Interim Budget 2024 : कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने का ऐलान अंतरिम बजट 2024 में हो सकता है। एक्सपर्ट्स लंबे समय से यह मांग करते आ रहे हैं। अभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के नियम अलग-अलग एसेट के लिए अलग-अलग हैं। इससे टैक्सपेयर्स कनफ्यूजन में रहता है। अगर इन नियमों की कमियां दूर की जाती है तो टैक्स कंप्लायंस बढ़ेगा, जिसका फायदा सरकार को होगा। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। पूर्ण बजट अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी वह पेश करेगी।

होल्डिंग पीरियड और टैक्स रेट में बदलाव की जरूरत

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के लिहाज से होल्डिंग पीरियड एक समान करना चाहिए। शेयर और म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए टैक्स का रेट 10 फीसदी होना चाहिए, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के लिए टैक्स का रेट 15 फीसदी होना चाहिए। टैक्स रेट्स और होल्डिंग पीरियड में बदलाव करने के बाद सरकार को इंडेक्सेशन बेनेफिट्स वापस ले लेने चाहिए। साथ ही लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के साथ सेट-ऑफ करने की इजाजत देनी चाहिए।

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