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Union Budget 2024 : वोट ऑन अकाउंट क्या है, चुनाव वाले साल में सरकार क्यों लेखानुदान का प्रस्ताव पेश करती है?

सरकार अंतरिम बजट के जरिए अगले वित्त वर्ष के सिर्फ शुरुआती कुछ महीनों में अपने खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करती है। इसलिए इसे अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है। इससे पहले 2019 में 1 फरवरी को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। उस साल भी लोकसभा चुनाव थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 06, 2023 पर 1:20 PM
Union Budget 2024 : वोट ऑन अकाउंट क्या है, चुनाव वाले साल में सरकार क्यों लेखानुदान का प्रस्ताव पेश करती है?
वोट ऑन अकाउंट को हिंदी में लेखानुदान कहा जाता है। इसका प्रावधान संविधान के आर्टिकल 116 में शामिल है।

सरकार 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी। आम चुनाव वाले साल में सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करती है। सरकार अंतरिम बजट के जरिए अगले वित्त वर्ष के सिर्फ शुरुआती कुछ महीनों में अपने खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करती है। इसलिए इसे अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है। इससे पहले 2019 में 1 फरवरी को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। उस साल भी लोकसभा चुनाव थे। चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सरकार बनाने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को वित्त वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश किया था।

वोट ऑन अकाउंट की जरूरत क्यों पड़ती है?

वोट ऑन अकाउंट को हिंदी में लेखानुदान कहा जाता है। इसका प्रावधान संविधान के आर्टिकल 116 में शामिल है। इसके जरिए सरकार को अपने जरूरी खर्चों के लिए कंसॉलिडिटेड फंड के इस्तेमाल की इजाजत मिलती है। इसका मतलब है कि सरकार वोट ऑन अकाउंट के जरिए संसद में यह प्रस्ताव पेश करती है कि जब तक नई सरकार पूर्ण बजट पेश कर उसे संसद से पारित नहीं करा लेती मौजूदा सरकार अपने खर्च के लिए कंसॉलिडेटेड फंड का इस्तेमाल कर सकती है। आम तौर पर यह समय दो महीने का होता है। लेकिन चुनाव की प्रक्रिया को ध्यान में रख नए वित्त वर्ष के चार महीनों के खर्च के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है।

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