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GST New Rates: 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स पर दवाओं की बिक्री में नहीं आएगी दिक्कत, सरकार ने फार्मा कंपनियों को दी बड़ी राहत

नेशनल फार्मास्युटिक्लस प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने दवा कंपनियों को डीलर और रिटेलर्स के लेवल पर दवाओं की रिलेबलिंग कराने की इजाजत दे दी है। इससे फार्मा कंपनियों को पहले से मार्केट में उपलब्ध दवाओं को वापस नहीं मंगाना होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 16, 2025 पर 4:21 PM
GST New Rates: 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स पर दवाओं की बिक्री में नहीं आएगी दिक्कत, सरकार ने फार्मा कंपनियों को दी बड़ी राहत
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी इस बारे में एक एफएक्यू इश्यू किया है। सरकार चाहती है कि ग्राहकों को जीएसटी में कमी का फायदा मिले और साथ ही कंपनियों को भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

सरकार ने फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अब कंपनियों को 22 सितंबर, 2025 से पहले मार्केट में रिलीज हो चुकी दवाओं की दोबारा लेबलिंग नहीं करनी होगी या उन्हें वापस नहीं मंगाना पड़ेगा। नेशनल फार्मास्युटिक्लस प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने यह स्पष्ट किया है कि इसके बदले फार्मा कंपनियां रिटेलेटर लेवल पर दवाओं की कीमतों में बदलाव करा सकती हैं। एनपीपीए डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स के तहत आती है। दरअसल, 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स लागू हो रहे हैं। उस दिन से दवाओं पर टैक्स के नए रेट्स लागू होंगे।

NPPA ने फार्मा कंपनियों के लिए जारी किया स्पष्टीकरण

NPPA के ऑफिस ने कहा है, "सभी मैन्युफैक्चरर्स/दवा बेचने वाली मार्केटिंग कंपनियां/फॉर्मुलेशंस दवाओं के मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) में बदलाव करेंगे। मैन्युफैक्चरर्स/मार्केटिंग कंपनियां डीलर्स और रिटेलर्स साथ ही स्टेट ड्रग कंट्रोलर्स और सरकार को संशोधित प्राइस लिस्ट या सप्लमेंटरी प्राइस लिस्ट इश्यू करेंगे। इनमें रिवाइज्ड जीएसटी और रिवाइज्ड एमआरपी लिखा होगा।" सरकार चाहती है कि 22 सितंबर से ग्राहकों को जीएसटी में कमी का पूरा फायदा मिले।

अब फार्मा कंपनियों को पहले से मौजूद स्टॉक वापस नहीं मंगाने होंगे

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