सरकार ने फार्मा कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अब कंपनियों को 22 सितंबर, 2025 से पहले मार्केट में रिलीज हो चुकी दवाओं की दोबारा लेबलिंग नहीं करनी होगी या उन्हें वापस नहीं मंगाना पड़ेगा। नेशनल फार्मास्युटिक्लस प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने यह स्पष्ट किया है कि इसके बदले फार्मा कंपनियां रिटेलेटर लेवल पर दवाओं की कीमतों में बदलाव करा सकती हैं। एनपीपीए डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स के तहत आती है। दरअसल, 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स लागू हो रहे हैं। उस दिन से दवाओं पर टैक्स के नए रेट्स लागू होंगे।