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चीन की एक ना और पूरी दुनिया में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की बढ़ गई टेंशन, यूरोप में कुछ ऑटो पार्ट्स प्लांट बंद

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर चीन की पाबंदियां जारी रहीं, तो ग्लोबल EV ट्रांजिशन को तगड़ा झटका लगेगा। कच्चे माल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे गाड़ियों के दाम में भी इजाफा हो सकता है। भारत में Bajaj Auto और TVS Motor जैसी बड़ी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि अगर यह संकट बना रहा तो उनका EV का प्रोडक्शन जुलाई से पूरी तरह ठप हो सकता है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 05, 2025 पर 5:40 PM
चीन की एक ना और पूरी दुनिया में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की बढ़ गई टेंशन, यूरोप में कुछ ऑटो पार्ट्स प्लांट बंद
रेयर अर्थ्स का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटर्स, गाड़ियों के इंजन, बैटरियों और कई डिफेंस सिस्टम्स में होता है।

यूरोप में ऑटो पार्ट्स बनाने वाले कुछ कारखानों ने प्रोडक्शन रोक दिया है। वजह है चीन की ओर से पृथ्वी के दुर्लभ खनिजों (Rare Earths) के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध। इन प्रतिबंधों के कारण दुनियाभर में नुकसान की चिंता बढ़ रही है। मर्सिडीज-बेंज ने तो इन खनिजों की कमी से बचने के लिए उपायों पर विचार करना शुरू भी कर दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक, चीन ने इस साल अप्रैल में पृथ्वी के दुर्लभ खनिजों और उनसे जुड़े मैग्नेट्स के निर्यात को सस्पेंड कर दिया। इससे ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स, एयरोस्पेस सेक्टर के मैन्युफैक्चरर्स, सेमीकंडक्टर कंपनियों और सैन्य ठेकेदारों की सप्लाई चेन बाधित हो गईं।

वैसे तो चीन की ओर से यह घोषणा अप्रैल में उस वक्त की गई थी, जब अमेरिका की ओर से चीन पर नए अतिरिक्त रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए गए थे। लेकिन हाल ही में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुए समझौते के तहत अमेरिका ने चीन के सामानों के लिए 2 अप्रैल को घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ के मामले में 90 दिनों के लिए दर को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने की सहमति जताई थी। बदले में चीन ने भी 90 दिनों के लिए अमेरिकी सामान पर टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत करने की रजामंदी दी थी।

लेकिन रेयर अर्थ्स के निर्यात पर प्रतिबंध जस के तस बने हुए हैं। ताजा अपडेट यह है कि चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि रेयर अर्थ्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध की पॉलिसी इंटरनेशनल प्रैक्टिस के अनुरूप है। इसका मतलब तो यही निकलता है कि चीन इस प्रतिबंध में ढील देने के मूड में नहीं है।

कितने काम के हैं रेयर अर्थ्स और चीन में कितना उत्पादन

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